बरेली: यात्रियों को खड़े होकर करना पड़ता है बसों का इंतजार, बस अड्डे पर बैठने के साधन नहीं

बसें अधिक होने से खड़ी होने की भी नहीं बचती जगह

बरेली: यात्रियों को खड़े होकर करना पड़ता है बसों का इंतजार, बस अड्डे पर बैठने के साधन नहीं

बरेली, अमृत विचार। पुराने और सेटेलाइट रोडवेज बस अड्डों पर हर साल यात्री और बसों की संख्या बढ़ रही है लेकिन यात्रियों को बैठने की सुविधा को कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है। यात्रियों को खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। वहीं बसों की संख्या अधिक होने से दोनों बस अड्डा परिसर पर बसें खड़े करने की जगह नहीं बचती है। इसको लेकर बस अड्डों के इंचार्ज ने अधिकारियों को यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है।

यात्रियों से किराया लेने के बाद भी अधिकारी उन्हें सहूलियत मुहैया नहीं करा रहे हैं। सेटेलाइट बस अड्डे पर यात्रियों को बैठने के लिए सीटें भी कम पड़ जाती हैं। ऐसे में यात्रियों को खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। इसी तरह पुराने बस अड्डे पर भी प्रतिदिन करीब 300 बसों का आना जाना होता है। 15 हजार यात्री रोज रोडवेज बस में सफर करते हैं। यहां पर भी कई बार जगह कम होने से यात्रियों को खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है।

तीसरा बस अड्डा शुरू होने के बाद मिलेगी राहत
शहर में सेटेलाइट और पुराने बस अड्डे के अलावा मिनी बाईपास रोड पर भी एक नए बस अड्डे का निर्माण कराया जा रहा है। वहां से पुराने बस अड्डे और सेटेलाइट के कुछ रूटों की बसों का संचालन किया जाएगा। हालांकि अभी धनराशि खत्म होने से बस अड्डे का निर्माण काम बंद पड़ा है। बस अड्डे का निर्माण होने के बाद दोनों बस अड्डों से यात्रियों की भीड़ और बसें कम होने से सेटेलाइट और पुराने बस अड्डे पर यात्रियों को राहत मिलेगी।

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