प्रतापगढ़ : एक ही चिता पर हुआ दंपति और मासूम बच्चों का अंतिम संस्कार, सड़क हादसे में हुई थी मौत 

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Published By Jagat Mishra
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प्रतापगढ़, अमृत विचार। दिल को दहला देने वाले सड़क हादसे में जान गंवाने वाले परिवार का अंतिम संस्कार भी हृदय विदारक रहा। उदयपुर के पूरे महाबल गांव में उनके ही खेत में रविवार दोपहर एक चिता सजाई गई। बीच में दोनों मासूम बच्चों के शव व अगल-बगल मनोज सिंह व उनकी पत्नी का शव रखा गया। यह देख वहां मौजूद हर कोई रो पड़ा। मनोज के दो भाइयों ने मिलकर मुखाग्नि दी। सैकड़ों की संख्या में जुटी गांव की महिलाएं तो उस ओर देखकर बेसुध सी हो गईं। वृद्ध माता - पिता बदहवास रहे। 

इस दर्दनाक हादसे से पूरे महाबल गांव शनिवार से ही शोक में डूब गया था। गांव के मनोज सिंह सूरत में सब्जी की दुकान करते थे। परिवार में छोटे भाई प्रमोद की शादी का आयोजन पड़ने पर वह इसी महीने घर आए थे। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद परदेस लौटने की वह तैयारी कर रहे थे। इससे पहले शनिवार सुबह करीब सात बजे बाइक से परिवार समेत ससुराल रानीगंज के जामताली जाते समय नगर कोतवाली के पृथ्वीगंज सांई कुटी के पास कार की टक्कर हो गई थी। इस हादसे में मनोज, उनकी पत्नी सीमा, पुत्री सपना व पुत्र शिवम की मौत हो गई थी। 
इस हादसे में मासूम शिवम का पैर कार में फंसकर घिसटने से कटकर अलग हो गया था। इसके बारे में जिसने भी सुना, कलेजा मुंह को आ गया। शनिवार देर शाम चारों शव घर लाए गए थे। 

रविवार को दोपहर एक बजे मृतक के छोटे भाई नीरज कर्नाटक से आए। इकलौती बहन अर्चना चंडीगढ़ से पहुंची। इसके बाद घर से करीब दो सौ मीटर दूर खेत में दोपहर एक बजे बड़े भाई रमेश ने मनोज व भतीजे शिवम के शव को छोटे भाई प्रमोद ने भाभी सीमा व भतीजी सपना को मुखाग्नि देने की वैदिक प्रक्रिया पूरी की। सदमे से मनोज के पिता लल्लन सिंह व मां शकुंतला देवी, मौसी व सीमा के मायके के लोगों की हालत खराब हो गई। लोग उनको संभालते रहे। पूरा गांव मातम में रहा,लोगों के घरों में चूल्हे भी नहीं जले।

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