Adani Group के मामले पर कांग्रेस का आरोप, कहा- दाल में कुछ तो काला है...

Adani Group के मामले पर कांग्रेस का आरोप, कहा- दाल में कुछ तो काला है...

नई दिल्ली। कांग्रेस ने एक अंतरराष्ट्रीय ऑडिटर की राय का हवाला देते हुए बुधवार को दावा किया कि अगर इस अडाणी समूह की नजर में सबकुछ ठीक है तो आरोपों की जांच में किसी स्वतंत्र इकाई को शामिल क्यों नहीं किया गया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह कहने के साथ ही दावा भी किया कि दाल में कुछ तो काला है।

अमेरिकी संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की कुछ महीने पहले आई रिपोर्ट में अडाणी समूह पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद से कांग्रेस लगातार इस मामले में उठाते हुए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से इसकी जांच कराने की मांग कर रही है। अडाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज किया है।

रमेश ने बुधवार को एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘ऑडिटर ‘डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स’ स्पष्ट रूप से अडाणी के खोखले "क्लीन चिट" के दावों को नहीं मान रहा है, यहां तक कि सेबी की भी जांच जारी है। इसने कहा है कि तीन संस्थाओं के साथ अडाणी पोर्ट्स के लेन-देन को असंबंधित पार्टियों के साथ नहीं दिखाया जा सकता है और इसीलिए इसने कंपनी के खातों पर "क्वालिफाइड ओपिनियन" (प्रमाणित राय) जारी की है।

इसमें आगे कहा गया है कि अडाणी ने "एक स्वतंत्र बाहरी जांच करवाने से इंकार कर दिया है।’’ उनका कहना है, ‘‘ऐसे में सवाल उठता है कि अडाणी पोर्ट्स क्या छुपा रहा है? दावे के अनुसार यदि सब कुछ ठीक है तो आपने ऑडिटर की चिंताओं को दूर करने के लिए एक स्वतंत्र इकाई को जांच में शामिल क्यों नहीं किया? दाल में कुछ तो काला है।’’

यह भी पढ़ें- शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे गिरकर 82.67 पर पहुंचा

ताजा समाचार

Auraiya: गजब! पुलिसकर्मी बना हीरो! बना डाली रील पर रील, कभी थाने में तो कभी जीप के बोनट पर दिखाया स्टाइलिश अंदाज...देखें- VIDEO
सुलतानपुर: मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अलर्ट है प्रशासन, सोशल मीडिया पर भी नजर
वाराणसी: मुख्तार की मौत के बाद कृष्णानंद राय के घर पर जश्न का माहौल, पत्नी अलका व बेटे पीयूष ने लिए बाबा विश्वनाथ के दर्शन
नवरात्रि उपवास के दौरान इन कार्यों को करें, माता की होगी कृपा
लखीमपुर खीरी: साखू की लकड़ी से भरी पिकअप बरामद, दो गिरफ्तार...तीन फरार 
मुख्तार अंसारी ने लखनऊ में बसाये थे 'मिल्की मुसलमान', बेशुमार रुपया और कीमती जमीनों को बनाया टारगेट