संत कबीर नगर : आखिरकार खुल ही गई नाथनगर ब्लॉक में बीडीओ के संरक्षण में चल रहे मनरेगा के चीर हरण की पोल
अमृत विचार, संत कबीर नगर । नाथनगर ब्लॉक में पिछले कई दिनों से चल रहे मनरेगा के चीर हरण की मंगलवार को आखिरकार पोल खुल ही गई। खुद की ईमानदारी का तमगा लेकर घूम रहे साहब के पर्यवेक्षण की जब जमीनी हकीकत सामने आई तो जिले के जिम्मेदार भी दंग रह गए। नाथनगर ब्लॉक में मनरेगा में चल रही अनियमितता की लगातार शिकायतों का सच जानने के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर सीडीओ संत कुमार ने 5 जिला सत्रीय अधिकारियों की अलग अलग टीमें गठित किया।
5 उन गांवों को चयनित किया गया जहां 2 सौ या उससे अधिक मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी लगाई जा रही थी। इसके तहत जिला प्रोवेशन अधिकारी श्वेता वर्मा को जयराम पट्टी, जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी प्रियंका यादव को गौरा, डीसी एनआरएलएम जीशान रिजवी को तारयापार, भूमि संरक्षण अधिकारी शशांक चौधरी को मोलनापुर, उपायुक्त मनरेगा डा प्रभात कुमार द्विवेदी को लोइयाभार ग्राम पंचायत में मनरेगा की हकीकत जानने का जिम्मा सौंपा गया। सीडीओ खुद नाथनगर में रह कर टीमों की मॉनिटरिंग करते रहे। सूत्रों का कहना है कि इन पांचों ग्राम पंचायतों में पिछले 5 दिनों से 2 सौ से अधिक मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी लग रही थी।
मंगलवार को जब 5 टीमों ने जमीनी हकीकत देखी तो सभी दंग रह गए। सीडीओ को सौंपी गई रिपोर्ट में पांचों गांवों में मिलाकर मौके पर 100 मजदूर भी काम करते नही मिले। जिले के अधिकारियों को यह समझते देर नहीं लगी कि ब्लॉक क्षेत्र में यांत्रिकी मशीनों से कार्य कराए जाने की शिकायतों में कितना दम था। खुद की ईमानदारी का पर्चा बंटवाने वाले साहब के पर्यवेक्षण का भी सारा कच्चा चिट्ठा खुल कर सामने आ गया। अपने ही कर्मचारियों को साइड लाइन करके ठेकेदारी प्रथा से ग्राम पंचायतों में काम कराने वालों को संरक्षण देने का साहब पर पहले से ही आरोप लगता रहा है। सवाल यह है कि आखिर एक दिन के औचक निरीक्षण में ही जिले के अधिकारियों ने मनरेगा में घपले बाजी का जो खेल पकड़ लिया उसे आज तक ब्लॉक के बड़े साहब क्यों नहीं पकड़ पाए? इससे जाहिर होता है कि या तो साहब ने कभी पर्यवेक्षण करना जरूरी नहीं समझा अथवा सब कुछ के पीछे उनकी मौन सहमति काम कर रही थी। अब सीडीओ कार्यालय जांच अधिकारियों से मिली जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की तैयारी में जुटा हुआ है। सीडीओ संत कुमार ने बताया कि मामले में जो भी जिम्मेदार है सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मनरेगा जैसी योजनाओं को भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ने दिया जाएगा।
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