लालू ने आडवाणी का रथ रोका था, अब मोदी के साथ नीतीश भी वही करेंगे: तेजस्वी यादव 

लालू ने आडवाणी का रथ रोका था, अब मोदी के साथ नीतीश भी वही करेंगे: तेजस्वी यादव 

पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य का सत्तारूढ़ ‘महागठबंधन’ ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रथ को वैसे ही रोकेगा जैसे उनके पिता लालू प्रसाद ने लाल कृष्ण आडवाणी की रथयात्रा को रोक दिया’’ था। 

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युवा नेता ने कहा कि विपक्षी दल केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए साथ आ रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर अतीत में किए गए ‘‘वादों को पूरा करने में विफल’’ रहने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब भी भाजपा की ‘‘कमियों को इंगित किया गया तो उसने ‘हिंदू बनाम मुस्लिम’ को बढ़ावा दिया।’’ 

यादव ने राज्य के हथकरघा बुनकर सहकारी संघ द्वारा आयोजित एक समारोह में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘देश सभी समुदायों का है और किसी भी सामाजिक समूह को उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चाहे हिंदू हों, मुसलमान हों या कोई अन्य धार्मिक समुदाय, सभी ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हम कुछ लोगों से ऐसी अपमानजनक टिप्पणी सुनते हैं, जिनमें सुझाव दिया जाता है कि मुसलमानों को उनके मतदान के अधिकार से वंचित किया जाना चाहिए।’’ यादव ने कहा, ‘‘लेकिन निश्चिंत रहें, जब तक लालू प्रसाद और नीतीश कुमार जैसे नेता हैं, कोई भी ऐसा कुछ करने की हिम्मत नहीं कर सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लालू ने लालकृष्ण आडवाणी के रथ को रोक दिया था। अब नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला ‘महागठबंधन’ (मोदी का) रथ रोकेगा।’’ 

उपमुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि भाजपा 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने से डरी हुई है, क्योंकि उसे वहां एकजुट विपक्ष का सामना करना पड़ सकता है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता यादव कुछ भाजपा नेताओं के बयान के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे। कुछ भाजपा नेताओं ने 23 जून को पटना में आयोजित विपक्षी दलों के सम्मेलन को कमतर पेश करने की कोशिश की है। 

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा यह तय नहीं करेगी कि विपक्षी सम्मेलन का क्या असर होगा। दरअसल वह लोकसभा चुनाव का सामना करने से डरी हुई है। वह हाल में हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हार गयी है। उसे राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में एक के बाद एक हार दिखाई दे रही है।’’ उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जद यू) के प्रमुख नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का मुकाबला करने के लिए ‘एकजुट विपक्ष’ की तरफदारी करते आ रहे हैं। उन्होंने पिछले साल भाजपा से नाता तोड़ लिया था। 

यादव और जद यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ‘लल्लन’ ने बुधवार को घोषणा की थी कि विपक्षी दलों का सम्मेलन 23 जून को होगा, जिसमें राहुल गांधी, ममता बनर्जी और सीताराम येचुरी जैसे विभिन्न नेता भाग लेने को राजी हो गये हैं। यादव ने कहा कि 23 जून की बैठक में ‘करीब 15 राजनीतिक दलों’ का प्रतिनिधित्व होगा। हालांकि जब उनसे भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के संस्थापक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनसे अब तक बात नहीं की है।’’ 

उल्लेखनीय है कि पिछले साल राजग से नीतीश के बाहर आने के कुछ ही समय बाद राव पटना आये थे और उन्होंने राष्ट्रीय एकता की कुमार की पैरोकारी पर मुहर लगायी थी। हालांकि इस बात की आशंका है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री किसी ऐसे गठबंधन का हिस्सा होंगे, जिसमें कांग्रेस होगी। तेलंगाना में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। हालांकि, हाल में बीआरएस ने इस बात का पर्याप्त संकेत दिया कि ‘एकजुट विपक्ष’ का हिस्सा बनने के बजाय वह ‘तेलंगाना मॉडल’ पर चलेगी। 

ये भी पढ़ें- मिड-डे मील से छात्रों के बीमार पड़ने की खबर पर NHRC का एक्शन, बिहार सरकार को भेजा नोटिस 

ताजा समाचार