सरकार को निजता और राष्ट्रीय सुरक्षा की नहीं हैं परवाह : मल्लिकार्जुन खरगे

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कोविन प्लेटफॉर्म के डेटा में सेंधमारी से जुड़े दावों को लेकर मंगलवार को सरकार पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि सरकार को न तो निजता के मौलिक अधिकार की परवाह है और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई मतलब है। उन्होंने यह दावा भी किया कि इस सरकार में डेटा लीक और साइबर हमले के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

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खरगे ने ट्वीट किया , " एक गैरज़िम्मेदार मोदी सरकार कोविन डेटा लीक पर चाहे जितनी भी लीपापोती करे , यह साफ है कि जनता का निजी डेटा सुरक्षित नहीं है। सभी भारतीय जानते हैं कि 2017 में किस तरह मोदी सरकार ने उच्च न्यायालय में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित करने का कड़ा विरोध किया था।

" उन्होंने कहा , " देश में साइबर हमले और डेटा लीक लगातार बढ़ रहे हैं। फिर चाहे वो 2018 में आधार डाटा में सेंध लगना हो या फिर नवंबर 2022 में एम्स पर साइबर हमला। " खरगे के मुताबिक , '' मोदी सरकार ने सितम्बर 2018 में उच्चतम न्यायालय को बताया था कि आधार डेटा 13 फुट ऊंची और पांच फुट मोटी दीवारें में सुरक्षित है !''

उन्होंने दावा किया कि डिजिटल इंडिया का ढ़ोल पीटने वाली मोदी सरकार के कार्यकाल में साइबर हमले कई गुना बढ़ें हैं खरगे ने आरोप लगाया , " कुल मिलाकर स्थिति स्पष्ट है कि मोदी सरकार को न तो निजता के मौलिक अधिकार की परवाह है , और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई मतलब । उसने न तो डेटा निजता कानून बनाया है और न ही साइबर हमलों पर कोई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति लागू नहीं की है ।"

उधर , केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि कोविन प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत लाभार्थियों के डेटा में सेंध लगने का दावा करने वाली खबरें ‘‘ बेबुनियाद ’’ हैं और उसने देश की नोडल साइबर सुरक्षा एजेंसी सर्ट - इन से मामले में जांच करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा था कि ऐसा नहीं लगता कि कोविन ऐप या डेटाबेस सीधे तौर पर इसका शिकार हुआ है।

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