Wrestlers vs WFI : ट्विटर पर छिड़ी पहलवानों की जंग! साक्षी मलिक के दावे पर बबीता फोगाट ने दी सफाई, बोलीं- ना मेरे हस्ताक्षर, ना कोई प्रमाण

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Published By Bhawna
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नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद को लेकर एक बार बयानबाजी तेज हो गई है। ओलंपियन साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादिया ने बीजेपी नेता व अंतरराष्ट्रीय रेसलर बबीता फोगाट और तीरथ राणा पर आंदोलन की सलाह देने का आरोप लगाया है। उनके इस बयान पर बबीता ने पलटवार किया और कहा, जिस अनुमति पत्र को दिखाकर दावा किया गया, उसमें मेरे हस्ताक्षर नहीं हैं। बबीता ने सफाई दी और पहलवानों को कांग्रेस के इशारे पर आंदोलन करने का आरोप लगाया। बबीता के इस ट्वीट के बाद साक्षी ने फिर जवाब दिया। उन्होंने अपने आरोपों को तंज कसना बताया और यह भी कहा, स्वार्थ के लिए पहलवानों का इस्तेमाल करने की कोशिश की गई है।

भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर जनवरी में महिला पहलवानों ने भेदभाव और छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। इस मामले में सरकार की तरफ से जांच कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया गया था, जिसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया था। तीन महीने बाद मई में महिला पहलवानों ने फिर धरना शुरू कर दिया और नाबालिग पहलवान के साथ यौन उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बृजभूषण पर मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि, बाद में नाबालिग ने बयान बदल दिए। दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में बृजभूषण को क्लीन चिट दे दी।

बता दें कि बृजभूषण के खिलाफ धरने पर पहलवान साक्षी मलिक के खुलासे के बाद बवाल मच गया है। साक्षी ने कहा था कि उन्हें धरना देने के लिए कांग्रेस MP दीपेंद्र हुड्डा नहीं बल्कि भाजपा नेता बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने मोटीवेट किया था। धरने की परमिशन भी उन्होंने दिलाई। साक्षी ने लेटर भी दिखाया। बबीता फोगाट ने इस पर पलटवार करते हुए कहा-''साक्षी व उसके पति का वीडियो देखकर हंसी आई। परमिशन लेटर पर मेरे कोई साइन नहीं। न ही दूर-दूर तक कोई लेना-देना है। देश की जनता समझ चुकी है कि आप कांग्रेस के हाथ की कठपुतली बन चुकी हो। अब समय आ गया है कि आपको आपकी वास्तविक मंशा बता देनी चाहिए क्योंकि अब जनता आपसे सवाल पूछ रही है।'

साक्षी मलिक भी पीछे नहीं रही। बबीता फोगाट के इस ट्वीट पर साक्षी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। फोगाट को जवाब देते हुए कहा-''वीडियो में हमने तीरथ राणा और बबीता फोगाट पर तंज कसा था कि कैसे वे अपने स्वार्थ के लिए पहलवानों को इस्तेमाल करना चाह रहे थे और कैसे पहलवानों पर जब विपदा पड़ी तो वे जाकर सरकार की गोद में बैठ गए। हम मुसीबत में जरूर हैं लेकिन हास्यबोध इतना कमज़ोर नहीं हो जाना चाहिए कि ताकतवर को काटी चुटकी पर आप हंस भी न पाएं''

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