बरेली: कानूनी शादी के लिए अब बुजुर्ग भी लगा रहे हैं रजिस्ट्री दफ्तरों के फेरे

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Published By Vishal Singh
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विवाह पंजीकरण अनिवार्य किए जाने के बाद आई तेजी, शादी के 30 से 40 साल बाद भी पंजीकरण कराने पहुंच रहे हैं लोग

अनुपम सिंह/बरेली,अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में विवाह पंजीकरण कई मामलों में अनिवार्य कर दिए जाने के बाद निबंधन कार्यालयों का नजारा बदला सा दिखने लगा है। विवाह पंजीकरण के लिए अब यहां तांता लगने लगा है। वैसे तो विवाह पंजीकरण के लिए आने वालों में नव दंपती भी हैं लेकिन ऐसे बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है जिनकी शादी को 30 से 40 साल तक गुजर चुके हैं।

कुछ साल पहले तक विवाह पंजीकरण का आंकड़ा न के बराबर था। धार्मिक रीति-रिवाजों से शादी होने के बाद लोग विवाह पंजीकरण को जरूरी नहीं मानते थे, लेकिन योगी सरकार की शुरुआत में ही कई नए बदलावों के साथ उप्र विवाह पंजीकरण नियमावली- 2017 लागू कर सभी धर्मों के लिए विवाह पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिए जाने के बाद इसमें काफी तेजी आई है। रजिस्ट्री कार्यालयों में हर साल लगातार विवाह पंजीकरण बढ़ रहे हैं। दिलचस्प यह है कि विवाह पंजीकरण कराने वालों में बुजुर्ग दपंतियों की अच्छी-खासी संख्या है। शादी के 40-40 साल बाद भी लोग पंजीकरण कराने पहुंच रहे हैं।

हर साल 15 सौ तक विवाह पंजीकरण
जिला मुख्यालय पर दो निबंधन कार्यालय हैं, इसके अलावा पांचों तहसीलों में भी विवाह पंजीकरण के लिए लोग आवेदन करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक एक निबंधन कार्यालय पर विवाह पंजीकरण का हर सप्ताह का औसत 15 से 20 तक है। महीने भर में जिले के सभी निबंधन कार्यालयों में यह संख्या सौ का आंकड़ा पार कर जाती है। साल भर में औसतन 12 सौ से 15 सौ तक रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। कुछ सालों से तेजी आई है। पहले इसके साल भर में 20 से 25 लोग ही बेहद जरूरी होने पर पंजीकरण कराने आते थे।

फिर भी जागरूकता की कमी
विवाह पंजीकरण को अनिवार्य बनाए जाने के बाद लोगों में जागरूकता बढ़ी है लेकिन हर साल हजारों शादियां होने के बावजूद इसकी तुलना में पंजीकरण कराने वालों की संख्या काफी कम है।

विवाह पंजीकरण इसलिए जरूरी

  1. विवाह पंजीकरण होने पर साथ विदेश जाने के लिए वीजा मिल सकेगा।
  2. संयुक्त बैंक खाता खुलवाने के लिए भी विवाह पंजीकरण जरूरी है।
  3. प्रॉपर्टी बेचने के लिए भी पति-पत्नी का विवाह पंजीकरण अनिवार्य है।
  4. सरकारी नौकरी में विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती है।

ये हैं लाभ

  • पंजीकरण कराने से बाल विवाह पर भी अंकुश लगेगा।
  • पति की मौत पर पत्नी को उत्तराधिकार का दावा मजबूत रहेगा।
  • महिलाओं को पति से भरण-पोषण का अधिकार लेने में सहजता।

घर बैठे कर सकते हैं ऑनलाइन पंजीकरण
स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की वेबसाइट www.igrs.up.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। पति-पत्नी को वयस्क होना चाहिए, इसकी पूरी जानकारी भरनी होगी। रजिस्ट्रेशन के बाद आयु और निवास प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए रजिस्ट्रार को देना होता है। निवास प्रमाण पत्र के मुताबिक पता, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या पैन कार्ड की कॉपी लगेगी। दो गवाह जरूरी हैं। इसके अलावा पति-पत्नी के पासपोर्ट साइज फोटो, शादी का फोटो और आधार कार्ड अनिवार्य होता है। सत्यापन के बाद प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।

एक साल में औसतन 15 सौ तक विवाह पंजीकरण होने का अनुमान है। विवाह पंजीकरण की फीस सिर्फ 10 रुपये है, लेकिन शादी के बाद देरी से पंजीकरण कराने पर 50 रुपये प्रतिवर्ष का विलंब शुल्क भी लगता है। 65 साल के दंपती से लेकर 22 साल के युवा भी रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं - रामेंद्र श्रीवास्तव, सबरजिस्ट्रार।

पंजीकरण कराने वाले शहरी दंपती दोगुने से ज्यादा
निबंधन कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में बहेड़ी, मीरगंज, आंवला, नवाबगंज, फरीदपुर समेत जिले की पांचों तहसीलों में 369 और शहरी क्षेत्र में 837 रजिस्ट्रेशन हुए। 2021 में पांचों तहसीलों से 588 और शहरी क्षेत्र में 1,138 पंजीकरण किए गए। 2022 में पांचों तहसीलों में 631 और शहरी क्षेत्र से 1,374 रजिस्ट्रेशन हुए। एक जनवरी 2023 से अब तक (26 जून) तहसीलों से 298 और शहरी क्षेत्र से 574 पंजीकरण हो चुके हैं।

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