वेस्टइंडीज क्रिकेट का बर्बाद होना तय! टी-20 लीग खेलना पसंद करते हैं खिलाड़ी...जानिए वजह

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
On

नई दिल्ली। शिमरोन हेटमायर को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेलने के लिए राजस्थान रॉयल्स से 8.5 करोड़ रुपये मिलते है तो वहीं कोलकाता नाइट राइडर्स आंद्रे रसेल को 16 करोड़ रुपये सालाना देता है। यह बड़ी रकम इस बात का संकेत है कि क्रिकेट का वित्तीय परिदृश्य बदल गया है और खिलाड़ियों का वेस्टइंडीज के लिए खेलना अब प्रेरणा का स्रोत नहीं रहा। वेस्टइंडीज के इन खिलाड़ियों के लिए पैसा अधिक मायने रखता है। इसने क्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्ल्यूआई) के लिए कम से कम शीर्ष खिलाड़ियों को पूरे साल दिलचस्पी बनाए रखने में सबसे बड़ी बाधा पैदा की है। 

मौजूदा विश्व कप क्वालीफायर के दौरान वेस्टइंडीज के पास हेटमायर, आंद्रे रसेल या सुनील नारायण की सेवाएं नहीं थी। ये सभी खिलाड़ी सीडब्ल्यूआई द्वारा पिछले साल जारी 18 सदस्यीय केंद्रीय अनुबंध सूची में नहीं हैं। इन सभी ने स्वेच्छा से बाहर होने का विकल्प चुना था क्योंकि वे पूरे साल दुनिया की अलग-अलग टी20 लीग में खेलते है। आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स से 16 करोड़ रुपये की बोली हासिल करने वाले निकोलस पूरन विश्व कप क्वालीफायर की टीम में शामिल है। उन्होंने इस टूर्नामेंट में एक शतकीय पारी भी खेली।

आईपीएल से जुड़ी फ्रेंचाइजियों के पास एसएटी20 (दक्षिण अफ्रीका की टी20 लीग), इंटरनेशनल टी20 लीग (यूएई) और मेजर लीग क्रिकेट (अमेरिका) की अधिकतर टीमों का मालिकाना हक है। ये फ्रेंचाइजी खिलाड़ियों को लंबी अवधि और एक से अधिक लीग का करार देने की योजना बना रहे है, ऐसे में पूरन जैसे विस्फोटक बल्लेबाज कब तक वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेगा यह देखना दिलचस्प होगा। 

‘ईएसपीएन क्रिकइंफो’ के आंकड़ों के मुताबिक 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को टेस्ट के लिए  5750 डॉलर (प्रति मैच लगभग 4.72 लाख रुपये), वनडे के लिए 2300 डॉलर (प्रति मैच लगभग 1.88 लाख रुपये) और टी20 अंतरराष्ट्रीय के लिए 1735 डॉलर (लगभग 1.42 लाख रुपये) का भुगतान होता था। सीडब्ल्यूआई ने इन आंकड़ों को संशोधित किया था या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।

अगर यह आंकड़े सही है तो वेस्टइंडीज के खिलाड़ी अपने भारतीय समकक्षों की तुलना में साढ़े तीन से चार गुना कम कमाते हैं, जिन्हें टेस्ट के लिए 15 लाख रुपये, वनडे के लिए आठ लाख रुपये और टी 20 अंतरराष्ट्रीय के लिए चार लाख रुपये मिलते है। इसके अलावा वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के पास एक केंद्रीय अनुबंध भी है। टीम के लिए कम से कम दो प्रारूप खेलने वाले खिलाड़ी सालाना 240,000 डॉलर (लगभग 1.97 करोड़ रुपये) कमा सकते हैं तो वहीं तीन प्रारूप खेलने वाले सालाना 300,000 डॉलर (लगभग  2.5 करोड़ रुपये) कमा सकते हैं।

इन दोनों आंकड़ों में मैच फीस भी शामिल है। भारत से इसकी तुलना करें तो चेतेश्वर पुजारा जैसे एक प्रारूप खेलने वाले खिलाड़ी भी इससे ज्यादा कमाते है। पुजारा के पास आईपीएल अनुबंध नहीं है। उन्हें बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध से तीन करोड़ रुपये मिलते है इसमें अगर मैच फीस को जोड दे तो उनकी सालाना कमाई लगभग चार करोड़ रुपये से अधिक पहुंच जाती है।

अब हेटमायर के मामले को देखे तो वह छह महीने के अंदर पांच अलग-अलग टी20 लीग में खेल कर आसानी से उतनी कमाई कर सकते है जितना उन्हें वेस्टइंडीज के लिए आठ टेस्ट, 15 वनडे और 20 टी20 अंतरराष्ट्रीय से मिलेगा। इतने मैचों  के लिए उन्हें लगभग पूरे साल टीम के साथ रहना होगा।   वेस्टइंडीज क्रिकेट के साथ एक और समस्या राष्ट्रवाद की भावना की कमी है। वेस्टइंडीज की टीम कई कैरेबियाई देशों को मिला कर बनी है और ऐसे में खिलाड़ी अपने देश की जगह वेस्टइंडीज क्रिकेट का प्रतिनिधित्व करते है। 

ये भी पढ़ें : Team India for Bangladesh : बांग्लादेश दौरे के लिए भारतीय महिला टीम घोषित, इन खिलाड़ियों को पहली बार टीम इंडिया में मिला मौका

संबंधित समाचार