पेन्नैयार नदी विवाद: तमिलनाडु और कर्नाटक से आने वाले SC के दो जज सुनवाई से हुए अलग 

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश ने बुधवार को पेन्नैयार नदी के पानी के बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच विवाद से संबंधित एक मामले की सुनवाई से खुद को इस आधार पर अलग कर लिया कि वे क्रमशः इन दोनों राज्यों से आते हैं।

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जैसे ही मामला सुनवाई के लिए आया, न्यायाधीशों ने कहा कि वे मामले से अलग होना चाहते हैं क्योंकि वे इन राज्यों से संबंधित हैं। न्यायाधीश ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “अगर हम इस मामले की सुनवाई शुरू करते हैं, तो हम विवाद पर लड़ना शुरू कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि मामले को भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष रखा जाए जिससे वह उसे ऐसी पीठ के समक्ष रखें जिसका हिस्सा वो दोनों नहीं हों।

न्यायमूर्ति बोपन्ना कर्नाटक से आते हैं जबकि न्यायमूर्ति सुंदरेश तमिलनाडु से आते हैं। तमिलनाडु की तरफ से 2018 में दाखिल वाद पर जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से दिए गए एक संक्षिप्त हलफनामे में कहा गया कि अंतरराज्यीय जल विवाद अधिनियम, 1956 के तहत पेन्नैयार जल विवाद न्यायाधिकरण के गठन का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रिमंडल के विचार और अनुमोदन के लिए कैबिनेट सचिवालय को प्रस्तुत किया गया है।

हलफनामे में कहा गया, “यह बताया गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अभी तक इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं लिया है।” शीर्ष अदालत ने दो मई को केंद्र को पेन्नैयार जल विवाद न्यायाधिकरण के गठन और संबंधित गजट अधिसूचना जारी करने के लिए एक महीने का समय दिया था।

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