कर्नाटक ‘अन्न भाग्य योजना’: सरकार ने की पांच किलो चावल के बदले नकदी भुगतान की शुरुआत 

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Published By Om Parkash chaubey
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बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य सरकार की ‘अन्न भाग्य योजना’ के तहत लाभार्थियों को पांच किलोग्राम अतिरिक्त चावल के बदले नकदी के भुगतान की सोमवार को शुरुआत की। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) की शुरुआत के साथ ही राज्य की कांग्रेस सरकार ने मई में हुए चुनाव से पहले घोषित पांच गारंटी में से एक और गारंटी पर अमल शुरू कर दिया।

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राज्य सरकार ने चुनावी गारंटी पूरी करने के लिए बड़ी मात्रा में चावल की खरीद में आने वाली मुश्किलों के चलते अतिरिक्त पांच किलोग्राम चावल के लिए 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लाभार्थियों को नकदी के भुगतान का फैसला लिया था। यह योजना बीपीएल और अंत्योदय परिवार के प्रत्येक सदस्य पर लागू है।

राज्य सरकार के मुताबिक कर्नाटक में 'अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता परिवार' के 1.28 करोड़ राशन कार्ड हैं। सरकार ने पिछले महीने सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की शुरुआत करके पहली चुनावी गारंटी 'शक्ति' पूरी कर दी थी। वहीं घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की 'गृह ज्योति' योजना इस महीने की शुरुआत से ही लागू हो चुकी है, लेकिन इस महीने का बिजली बिल अगस्त की शुरुआत में आएगा।

शेष दो गारंटी, जिन्हें सरकार जल्द ही लागू करने के लिए कदम उठा रही है, उनमें प्रत्येक परिवार की महिला मुखिया (गृह लक्ष्मी) को 2,000 रुपये की मासिक सहायता और बेरोजगार स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये व बेरोजगार डिप्लोमा धारकों के लिए 1,500 रुपये (युवा निधि) की गारंटी शामिल है।

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