प्रयागराज : अफजाल अंसारी को अयोग्य सांसद घोषित करने के मामले में फैसला सुरक्षित

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोग्य सांसद अफजाल अंसारी द्वारा दाखिल एक आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है। दरअसल बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड और व्यापारी नंदकिशोर रुंगटा अपहरण के बाद 2007 में माफिया मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की थी। मालूम हो कि इसी मामले में गाज़ीपुर एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा उन्हें 4 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

उक्त मामले में न्यायमूर्ति राजवीर सिंह की एकलपीठ ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले की अगली सुनवाई आगामी 24 जुलाई को सूचीबद्ध की गई है। मालूम हो कि दोषी ठहराए जाने के 2 दिन बाद अफजाल अंसारी को अनुच्छेद 102(1) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) में निहित प्रावधानों के आधार पर मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। हालांकि इस अयोग्यता को तब निष्क्रिय किया जा सकता है, जब हाईकोर्ट उसकी दोष सिद्धि पर रोक लगा दे या अंसारी के पक्ष में दोषसिद्धि के खिलाफ दाखिल अपील पर फैसला दे दे।

इसके साथ ही कोर्ट के समक्ष अपील में यह तर्क दिया गया कि ट्रायल कोर्ट रिकॉर्ड पर उपलब्ध सबूत की सही ढंग से व्याख्या नहीं कर सका है और अपीलकर्ता के बचाव पक्ष को भी नजरअंदाज किया गया है। इसके अलावा ट्रायल कोर्ट ने मुख्य परीक्षण के दौरान दर्ज किए गए गवाहों के बयानों और साक्ष्यों का विश्लेषण किया बिना यह निष्कर्ष निकाल लिया कि अपीलकर्ता उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एवं सामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 की धारा 3 (1) के तहत दोषी है।

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