अंतर-धार्मिक सद्भाव

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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भारत दौरे पर आए मुस्लिम वर्ल्ड लीग (एमडब्ल्यूएल) के महासचिव शेख डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इस्सा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान अंतर-धार्मिक सद्भाव, शांति को आगे बढ़ाने और मानव प्रगति की दिशा में काम करने के विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक चर्चा की।

बातचीत में उग्रपंथी विचारों का विरोध, वैश्विक शांति को प्रोत्साहन तथा भारत और सऊदी अरब के बीच साझेदारी को प्रगाढ़ बनाने पर जोर रहा। अल-इस्सा ने प्रधानमंत्री मोदी के समावेशी विकास के प्रति चाहतपूर्ण दृष्टिकोण की सराहना की।

वास्तव में पूरी दुनिया को भारत बहुसंस्कृति, बहुभाषी, बहुनस्लीय तथा बहुधर्मी समाज के रूप में विविधता में एकता का संदेश देता है। देश में धार्मिक समूहों के बीच इस्लाम महत्वपूर्ण और गौरव का स्थान रखता है। मुस्लिम आबादी के मामले में भारत का स्थान दूसरे नंबर पर आता है।

इस्लामिक सहयोग संगठन के 33 से अधिक सदस्य देशों की कुल आबादी के बराबर मुस्लिम भारत में रहते हैं। ध्यान रहे एमडब्ल्यूएल एक अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय मक्का में है, जिसमें सभी इस्लामी देशों के सदस्य शामिल हैं। 

इस संगठन का मुख्य उद्देश्य इस्लाम और उसके सहिष्णु सिद्धांतों को आगे बढ़ाना, लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करना और सभी के साथ संवाद सहयोग के जरिए समाज को बेहतर दिशा दिखाना है। अल-इस्सा भारत सरकार के आधिकारिक निमंत्रण पर यहां आए हैं।

दिल्ली आकर मुहम्मद बिन अब्दुल करीम अल- इस्सा ने बड़ी बात कही कि मुस्लिम घटकों को अपनी राष्ट्रीयता पर गर्व है कि वे भारतीय नागरिक हैं और उन्हें अपने संविधान पर गर्व है। धर्मनिरपेक्ष संविधान एक राष्ट्र के तहत एकजुट विभिन्न संप्रदायों के लिए एक छतरी की तरह है।

अल इस्सा ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से भी भेंट की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच संबंध साझा सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक संबंधों और सामान्य मूल्यों की वजह से बने हैं। गौरतलब है कि अल इस्सा ऐसे समय में भारत आए हैं जब समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कराने पर बहस छिड़ी है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूसीसी का इसका विरोध किया है। साथ ही केंद्र को अंदेशा है कि बड़े स्तर पर मुस्लिम यूसीसी के विरोध में उतर सकते हैं। विश्लेषकों के मुताबिक अल-ईसा के दौरे के जरिए इस बात की कोशिश होगी कि मुस्लिम समुदाय से यूसीसी पर संवाद स्थापित किया जाए।