Etawah News: शेरनी सोना का 100 घंटे शावकों को जन्म देना शोध का विषय, वन विभाग ने गठित की समिति
इटावा में शेरनी सोना का 100 घंटे शावकों को जन्म देना शोध का विषय।
इटावा में शेरनी सोना का 100 घंटे शावकों को शोध का विषय जन्म देना। वन विभाग ने समिति गठित की।
इटावा, अमृत विचार। इटावा सफारी पार्क की लायन सफारी में सोना के 100 घंटे के अंतराल में 5 शावकों को जन्म देने का मामला अद्भुत है। वन विभाग ने इस पर अपनी निगाहें जमा दी है। वन विभाग शेरनी सोना द्वारा 100 घंटे के अंतराल में 5 शावकों को जन्म देने के मामले पर शोध करेगा। इसके लिए एक कमेटी भी बना दी गई है।
आमतौर पर यह माना जाता है शेरनी 24 घंटे में शावकों को जन्म देती है। इटावा सफारी की शेरनी सोना ने 6 जुलाई की दोपहर से लेकर 10 जुलाई की सुबह तक 100 घंटे के अंतराल में एक एक करके 5 शावकों को जन्म दिया है। यह वन विभाग के लिए अध्ययन का विषय है इसके लिए एक कमेटी बना दी गई है। इटावा सफारी के डिप्टी डायरेक्टर जय प्रकाश तथा बायोलॉजिस्ट बीएन सिंह ने बताया कि राज्य स्तर पर इस प्रकरण के अध्ययन के लिए एक कमेटी बनाई गई है जिसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड तथा गुजरात के अधिकारी व डाक्टर शामिल है।
उन्होंने बताया कि इस कमेटी में अपर प्रधान वन्यजीव संरक्षक नीरज कुमार के साथ ही एसएन मिश्रा, डॉ योगेश तथा सफारी की डायरेक्टर दीक्षा को शामिल किया गया है। यह समिति इस बात का अध्ययन करेगी कि 100 घंटे तक शेरनी ने शावकों को जन्म कैसे दिया।
डायरेक्टर जय प्रकाश ने बताया कि सोना ने 6 जुलाई को दोपहर 1:51 बजे पहले शावक को जन्म दिया। 10 जुलाई को सुबह 5.32 बजे पांचवें शावक को जन्म दिया उसने 9 जुलाई को तीन शावकों को जन्म दिया। यह अपने आप में एक अलग मामला है। आमतौर पर ऐसा देखने में नहीं आता है अब इसे अध्ययन का विषय बनाया गया है।
शेरनी ने ही शावक पर बोला हमला
शेरनी सोना शावकों को जन्म देने के बीच एक ऐसा मामला भी सामने आया है जब शेरनी सोना ने हीं अपने शावक पर हमला बोल दिया और काट दिया जिससे शावक के शरीर पर दांतों के निशान भी आ गए। इस संबंध में डा. आरके सिंह ने बताया कि सोना ने एक मृ़त शावक को जन्म दिया था और उसको शेरनी ने काट लिया जिससे उसके शरीर पर दांतों के निशान भी आ गए। यह शावक मृत अवस्था में पैदा हुआ था।
एकमात्र जीवित शावक को बचाने की कवायद
शेरनी सोना के एकमात्र जीवित शावक को बचाने की इटावा के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। इटावा सफारी पार्क में शेरनी सोना ने 100 घंटे में 5 शावकों को जन्म दिया था उनमें से एक शावक जीवित बचा है। हालांकि शेरनी सोना ने इस शावक को भी नहीं अपनाया है और दूध भी नहीं पिलाया है लेकिन अब सफारी प्रशासन इस शावक को बचाने का पूरा प्रयास कर रहा है। इसे बोतल से दूध पिलाया जा रहा है। शेरों के विशेषज्ञ डॉक्टर आरके सिंह ने बताया कि कानपुर जू में 2017 में एक शावक को उस स्थिति में जीवित बचा लिया गया था जब उसकी मां ने उस शावक को दूध नहीं पिलाया था। सफारी प्रशासन और डॉक्टरों का प्रयास है कि सोना के इस शावक को भी किसी तरह बचा लिया जाए।
