मुरादाबाद : सीओ अयोध्या के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, 17 वर्ष पुराने मामले में 27 को न्यायालय में पेश करें एसएसपी
अमृत विचार, मुरादाबाद । हत्या के मामले में गवाही न देने पर अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अयोध्या के पुलिस क्षेत्राधिकारी शैलेंद्र प्रताप गौतम को गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया है। उनका वेतन रोकने के साथ ही 27 जुलाई को न्यायालय में सुबह 10:30 बजे प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इस आदेश से मामले में उनकी गवाही मिलने की उम्मीद जगी है।
17 वर्ष पहले थाना असमोली में कासिम अली पुत्र हिकमत ने 10 नवंबर 2006 को मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें कहा गया कि बीती मध्य रात्रि उनके भाई हाजी अहमद अली के घर चोरी करने के उद्देश्य से कुछ लोग घुसे। आहट पर भाई और उनकी पत्नी सरवरी की आंख खुल गई। इन्होंने चोरों का विरोध किया जिस पर चोरों ने अवैध हथियार से गोली चला दी। जिसमें मेरे भाई कासिम अली की मौके पर मौत हो गई। मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने विवेचना की। बालक राम तथा वीर सिंह नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसका मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या तीन सरोज कुमार यादव की अदालत में चल रहा है।
अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता मनीष भटनागर ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ पत्रावली में लगभग सभी गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं। लेकिन मुकदमे की विवेचना करने वाले तत्कालीन थाना प्रभारी शैलेन्द्र प्रताप गौतम जो कि वर्तमान में अयोध्या में क्षेत्राधिकारी के पद पर हैं, अदालत में गवाही देने के लिए नहीं आए। जबकि कई बार उन्हें नोटिस जारी किया गया था। इसको देखते हुए 17 वर्ष बाद 19 जुलाई को अपर सत्र न्यायाधीश ने पुलिस क्षेत्राधिकारी अयोध्या को गिरफ्तार कर 27 जुलाई की सुबह 10: 30 न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयोध्या को दिया। जिससे मामले का त्वरित निस्तारण किया जा सके।
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