Conjunctivitis: अयोध्या में Eye flu के मरीजों की भरमार, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
अयोध्या, अमृत विचार। जनपद में आई फ्लू के मरीजों की बाढ़ सी आ गई है। शहर से लेकर गांव तक में आंखों के मरीजों की भरमार है। गली-मोहल्ले से लेकर सड़कों पर आपको काला चश्मा लगाए लोग दिख जाएंगे। आलम यह है कि फ्लू के बढ़ते ही आई ड्रॉप की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हो गया है। आम दिनों में आठ से दस प्रतिशत तक बिकने वाली आई ड्रॉप की मांग 80 प्रतिशत बढ़ गई है।
जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 25 से 30 मरीज आई फ्लू के ही आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर काफी चिंतित है और सचेत रहने के लिए गुरुवार को दूसरी बार एडवाइजरी जारी किया है। स्कूल की तरफ से भी अभिभावकों को मैसेज किया जा रहा है कि अगर आपका बच्चा इंफेक्टेड है तो उसे स्कूल न भेजें।
बारिश के मौसम में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इन दिनों आंखों की बीमारी तेजी से फैल रही है। आंखों में इन्फेक्शन की वजह से लोगों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र परामर्शदाता डॉ. राजेश सिंह बताते हैं कि अगर आपको भी इस मौसम में आंखों में लालिमा, दर्द, खुजली और सूजन की समस्या हो रही है तो हल्के में न लें। ये लक्षण आई फ्लू का संकेत हैं।
आई फ्लू को मेडिकल भाषा में कंजंक्टिवाइटिस और पिंक आई भी कहा जाता है। आम लोगों की भाषा में इसे आंख आना भी कहते हैं। इस बीमारी में सही समय पर बचाव और इलाज नहीं मिलने की वजह से आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचता है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 25 से 30 मरीज आंखों में इंफेक्शन के आ रहे हैं, जिन्हें दवाएं व सुझाव दिया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों के अलावा नेत्र के निजी चिकित्सालयों में भी आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं।
निर्देश: केमिस्टों को बल्क में नहीं मिलेगी आई ड्रॉप
आई फ्लू बढ़ने के कारण ड्रॉप की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है। 80 प्रतिशत बिक्री बढ़ गई है। फैजाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी शरद सिंह ने बताया कि मॉक्सीप्लॉक्सासेन, सिप्रोप्लॉक्सासेन, जेंटामाइसिन फॉर्मूले की आई ड्रॉप की मांग बढ़ गई है। इसी फार्मूले को लेकर कई कंपनियां मार्केट में आ गई हैं। उन्होंने बताया कि स्टॉक कम पड़ने लगा था, लेकिन एक दो-दिन में सप्लाई आ जाएगी। थोक दवा विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि बल्क में आई ड्रॉप किसी भी केमिस्ट को न दें। हालांकि यह इंफेक्शन तीन दिन तक ही रहता है।
जानिए क्या हैं लक्षण
आंखों के सफेद भाग का गुलाबी अथवा लाल हो जाना, दर्द के साथ साथ (मवाद आना), रुक-रुक कर सिरदर्द होना, खुजली, पलकों अथवा भौहों के ऊपर पपड़ी का बनना, पलकों के किनारों में सूजन, बच्चों में आंखों से संबंधित लक्षणों के साथ बुखार का लक्षण भी प्रकट हो सकता है।
ऐसी स्थिति में क्या करें
हाथ बार-बार साबुन तथा पानी से साफ करें। आंखों तथा चेहरे को साफ करने के लिए स्वच्छ टिशू पेपर अथवा तौलिये का प्रयोग करें। संक्रमित आंख को छूने के उपरांत हाथों को अच्छी तरीके से साफ करें। नियमित रूप से प्रयोग किए जाने वाले चश्मे को भली भांति साफ करें। संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए गहरे रंग के चश्मे का प्रयोग करें।
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