लखनऊ : ODOP और MSME से युवाओं को मिला रोजगार, आंकड़े बता रहे सच्चाई  

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Published By Jagat Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान करने के लिए योगी सरकार अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार और निजी क्षेत्रों के रोजगारों में जोड़ने के लिए तेजी से काम कर ही है। बीते 6 साल में यूपी में 5 हजार से भी ज्यादा रोजगार मेलों के जरिए लाखों युवाओं को अलग-अलग सेक्टर्स में रोजगारों से जोड़ा जा चुका है। वहीं एमएसएमई और ओडीओपी क्षेत्र भी प्रदेश में रोजगार के बड़े स्रोत बनकर उभरे हैं। योगी सरकार के दौरान एमएसएमई और ओडीओपी में अबतक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 3 करोड़ से भी अधिक लोगों को रोजगार मिला है।

 7 लाख से अधिक लोगों को मिला रोजगार

यूपी सरकार के आंकड़ों की मानें तो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के क्षेत्र में कार्य कर रही 96 लाख इकाइयों में ही करीब सात लाख लोगों को रोजगार मिला है। वहीं एक जिला एक उत्पाद यानी की ओडीओपी योजना के तहत एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। दोनों सेक्टर्स में कुल कामगारों की बात करें तो ये संख्या लगभग तीन करोड़ तक बताई जा रही है।

इसके अलावा प्रदेश की तरफ से 5 हजार से अधिक रोजगार मेलों का आयोजन किया गया, जिसमें साल लाख से अधिक युवाओं को रोजगार देने का कार्य योगी आदित्यनाथ सरकार ने किया है। सरकार अब यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए करीब 36 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने में लगी हुई है। इसके बाद यूपी में 95 लाख रोजगार सृजन का रास्ता साफ हो सकेगा। इनमें से भी ज्यादातर रोजगार एमएसएमई और ओडीओपी क्षेत्र में ही मिलने की बात बताई जा रही है।

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