बरेली: स्तनपान...यानी फर्जी आंकड़ों पर था महिला अस्पताल नंबर वन, जानिए मामला
दावा- पहले भी यही थी स्थिति, कह नहीं सकते कैसे था यूपी में नंबर वन
बरेली, अमृत विचार। जिला महिला अस्पताल अब प्रसूताओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करने में भी पिछड़ गया है। दो साल पहले उसकी रैंकिंग नंबर वन थी जो इस बार लंबा गोता लगाकर 12वें नंबर पर खिसक गई है। महिला अस्पताल के अधिकारियों की सफाई है कि सिजेरियन प्रसव के बाद प्रसूताओं के स्तनपान न करा पाने की वजह से रैंकिंग में यह गिरावट आई है। उनका दावा है कि यही स्थिति पहले भी थी, लिहाजा यह नहीं कहा जा सकता कि महिला अस्पताल पहले नंबर पर क्यों था।
कई सालों से जिला महिला अस्पताल मरीजों की सुविधाओं के मामले में वाहवाही हासिल करता रहा है। प्रदेश के टॉप टेन एनक्यूएएस प्रमाणित अस्पतालों की सूची में भी शामिल रहा लेकिन अब यहां ओपीडी से आईपीडी तक सभी सुविधाएं प्रभावित हो रही है। इस साल प्रसूताओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करने में भी जिला महिला अस्पताल पिछड़ गया है। हालांकि इसके जो कारण बताए जा रहे हैं, वे महिला अस्पताल के पहले नंबर वन रहने पर भी सवाल उठा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि विभागीय सर्वे के अनुसार सामान्य प्रसव के बाद अस्पताल में 90 फीसदी से ज्यादा प्रसूताएं तो नवजात शिशुओं को स्तनपान करा रहीं है लेकिन सिजेरियन प्रसव के बाद स्तनपान कराने वाली प्रसूताएं सिर्फ 30 फीसदी ही हैं। वजह यह है कि प्रसव के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराने वाली प्रसूताओं की संख्या के आधार पर ही रैंकिंग तय होती है और एनेस्थीसिया दिए जाने की वजह से सिजेरियन प्रसव के बाद ज्यादातर प्रसूता एक घंटे के अंदर स्तनपान कराने की स्थिति में ही नहीं होतीं।
कहा जा रहा है कि महिला अस्पताल में यह स्थिति हमेशा ही रहती है। इसलिए असल आंकड़ों के आधार पर रैंकिंग में नंबर वन आना बेहद मुश्किल है। हालांकि महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. पुष्पलता शमी का कहना है कि प्रसव के बाद प्रसूताओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अधिकांश महिलाएं स्तनपान कराने में झिझक महसूस करती हैं, उनकी काउंसिलिंग की जाती है।
वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मृदुला शर्मा के अनुसार नवजात शिशुओं के मां का दूध अमृत की तरह है। जन्म के पहले घंटे के भीतर स्तनपान कराने और छह महीने यह सिलसिला जारी रखने से उसे कई बीमारियों से बचाया जा सकता है। करने को कवायद कर रहा है।
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