बाराबंकी : फ्लाइट लेफ्टिनेंट शंकर दयाल को दी गई श्रद्धांजलि, मेधावी छात्रों और समाजसेवकों को किया गया सम्मानित
बाराबंकी, अमृत विचार। सैनिकों में देश के लिए मर मिटने का अदम्य जज्बा और साहस कूट-कूटकर भरा होता है, यह भावना जीएसटी सहायक आयुक्त आंचल अग्रवाल ने फ्लाइट लेफ्टिनेंट शंकर दयाल वाजपेई स्मारक पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि देशभक्ति सभी नागरिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और हमें राष्ट्र सेवा के हर अवसर को ईमानदारी और समर्पण के साथ निभाना चाहिए। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी नीरद पांडे ने शहीद वाजपेई के व्यक्तित्व और उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन हमें प्रेरित करता है कि हम समाज और राष्ट्र के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य करें।
समारोह के संयोजक पूर्व सभासद और जन व्यापारी उद्योग व्यापार मण्डल के प्रदेश महामंत्री रोहिताश्व दीक्षित ने शंकर दयाल वाजपेई का संक्षिप्त परिचय देते हुए बताया कि 25 जनवरी 1960 को सतरिख कसबे के शरीफाबाद गांव में जन्मे वाजपेई ने 1980 में भारतीय वायुसेना में प्रवेश किया और 1982 में कमीशन अधिकारी बने। 10 दिसंबर 1987 को भारत-पाक सीमा पर गश्त के दौरान उनका विमान दुश्मन के हमले में क्षतिग्रस्त होकर शहीद हो गया।
श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता शहीद के भाई सर्वेश वाजपेई ने की, जबकि कार्यक्रम का संचालन हुमायूं नईम खान ने किया। कार्यक्रम में शिक्षा, चिकित्सा, सामाजिक क्षेत्र और व्यापार में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों तथा मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया। सम्मानित लोगों में अंकुर माथुर, अर्णिमा सिंह पंवार, डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, कैलाश नाथ शर्मा, जयदीप सिंह समेत अन्य शामिल रहे। सभा में जिला बार के पूर्व अध्यक्ष, सामाजिक कार्यकर्ता और शहीद वाजपेई के परिवारजन भी उपस्थित रहे।
