बरेली: बीसी सखी योजना महिलाओं को बना रही आत्मनिर्भर
प्रीति कोहली, बरेली, अमृत विचार। बीसी सखी योजना घरेलू महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है। बीसी सखी बैंकिंग सेवाओं को गांवों तक पहुंचा रही हैं। इसके बदले उन्हें प्रोत्साहन राशि मिल रही है। आंकड़ों के अनुसार जिले में 112 ग्राम पंचायतों में चयनित बीसी सखी 1060, सक्रिय बीसी सखी 906 हैं। इन्होंने विगत माह में बैंकों में 7628 लाख का वित्तीय लेनदेन कराया है।
2020 में शुरू हुई योजना
उत्तर प्रदेश बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी योजना ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्ष 2020 में शुरू की गई थी। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को घर बैठे बैंकिंग सुविधा प्रदान करने के लिए गांवों में बैंक प्रतिनिधि के रूप में बैंक सखी को रखा गया। योजना के तहत सात हजार का वित्तीय लेनदेन कराने पर बीसी सखी को प्रोत्साहन राशि के रूप में 25 रुपये मिलते हैं। बताया जाता है कि औसतन एक बीसी सखी को महीने में चार से पांच हजार रुपये तक प्रोत्साहन राशि मिल जाती है। इससे उन्हें परिवार चलाने में मदद मिलती है।
मंडल की स्थिति
जनपद ग्राम पंचायतों की संख्या चयनित बीसी सखी सक्रिय बीसी सखी विगत माह में कुल ट्रांजक्शन प्रतिशत
बरेली 1188 1060 906 7628 लाख 85.47
बदायूं 1036 957 717 254.32 लाख 74.92
पीलीभीत 720 686 578 4953.15 लाख 84.26
शाहजहांपुर 1069 855 731 4395.68 लाख 85.50
कुल 4013 3558 2932 17231.15 लाख 82.41
हर एक ग्राम में एक बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी होती है, जिसको ग्रामीणों के लिए बैंकिंग सेवाओं के लिए रखा जाता है, अगर कोई बुजुर्ग घर से बैंक तक नहीं आ सकता है तो ऐसे में हम बैंकिंग सेवाएं वहां तक पहुंचाते हैं।-सलमा, बीसी सखी, गांव उरला जागीर, ब्लाक बिथरी चैनपुर
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