लखनऊ : अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी होगी दूर, कई विकल्पों पर सरकार कर रही विचार

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार विचार कर रही है। इसी के तहत प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में लाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि यह पत्रवाली पर नहीं है। इस पर सिर्फ अभी विचार चल रहा है। यह कहना है उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री ब्रजेश पाठक का। उन्होंने यह बातें अमृत विचार के साथ हुई खास बातचीत के दौरान कही हैं।
 
दरअसल, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से खास बातचीत के दौरान मेडिकल कालेज और सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे चिकित्सकों को प्राइवेट प्रेक्टिस को लेकर सवाल किया गया था। जिस पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने साफ तौर पर कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं मिल पा रहे हैं, लेकिन हमें उन्हें भर्ती करना है। ऐसे में विचार बन रहा है कि विशेषज्ञ चिकित्सक हमारे यहां सेवायें देना चाहते हैं तो उनकों सरकारी अस्पतालों या फिर मेडिकल कॉलेज में लाया जाये। इस तरह के कुछ विकल्पों पर विचार चल रहा है,लेकिन अभी इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है।
 
डिप्टी सीएम ने कहा कि हमें जनमानस की कृपा से काम करने का अवसर मिला है। ऐसे में यूपी के अंदर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का प्रयास जारी है। जिसमें आमूल चूल परिवर्तन भी हुआ है। लोगों को प्रदेश के अंदर बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें मिल रही हैं। साल 2017 से पहले जब सपा की सरकार थी या उससे भी पहले यूपी के अंदर स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है। आज मैं यह कह सकता हूं कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में सरकार मेडिकल कॉलेज बना रही है। 16 जनपद अभी बचे थे, जिनमें से चार जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए एमओयू साइन हो गया है। उन्होंने बताया कि अभी हमारे पास निजी क्षेत्र में 30 और सरकारी क्षेत्र में 35 मेडिकल कॉलेज पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं।
 
 इस दौरान उन्होंने हालही में राजभवन के पास सड़क पर महिला का प्रसव होने के मामले को पीड़ा दायक बताते हुये कहा कि हमारे लिय यह पीड़ा जनक था, जिसकी वजह से मैं स्वयं नम्रता के साथ अस्पताल पहुंचा। महिला की पीड़ा सुनी और उसके बाद मृत बच्चे का शव ले जाकर अंतिम संस्कार भी कराया। उत्तर प्रदेश हमारा परिवार है, सर्व समाज के सभी लोग हमारे परिवार के सदस्य हैं और उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर व्यवस्था देना हमारी जिम्मेदारी।
 

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