लोहिया संस्थान में किडनी, लिवर और बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन सेंटर के निर्माण का रास्ता साफ, सरकार ने जारी किया बजट
लखनऊ, अमृत विचार। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में किडनी, लिवर व बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन सेंटर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इस सेंटर के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार ने 18.22 करोड़ रुपए का बजट पास कर दिया है। इतना ही नहीं योगी सरकार ने पहली किस्त के रूप में 4.55 करोड़ रुपए जारी करने का आदेश भी दे दिया है।
दरअसल, यूपी की योगी सरकार मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी के तहत डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में किडनी, लिवर व बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन सेंटर बनाया जाना है। इसके लिए लोहिया संस्थान प्रशासन की तरफ से लंबे समय से प्रयास भी किया जा रहा था।
लोहिया संस्थान की निदेशक प्रो.सोनिया नित्यानंद ने बीते वर्ष ही प्रस्ताव बनाकर भेज दिया था। अब योगी सरकार ने इस सेंटर के निर्माण का रास्ता प्रशस्त कर दिया है। इसके लिए बजट की स्वीकृति देने के साथ ही पहली किश्त भी जारी कर दी गई है। यह सेंटर लोहिया संस्थान स्थित मुख्य चिकित्सा भवन के 6 और 7वें तल पर बनाया जायेगा। इससे अंग प्रत्यारोपण की राह देख रहे मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा।
लोहिया संस्थान की निदेशक प्रो.सोनिया नित्यानंद ने अमृत विचार संवाददाता वीरेंद्र पाण्डेय के साथ हुई बातचीत के दौरान बताया है कि एक छत के नीचे किडनी, लिवर व बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन सेंटर बनने से कई फायदे होंगे। जिसमें पहले नंबर पर डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में किडनी प्रत्यारोपण की राह देख रहे मरीजों का इंतजार खत्म होगा। उन्होंने बताया कि लोहिया संस्थान में साल 2016 में किडनी प्रत्यारोपण का कार्य शुरू हुआ था। मौजूद समय में किडनी की गंभीर मरीजों को किडनी प्रत्यारोपण के लिए 6 से 8 महीने का इंतजार करना पड़ रहा है, लेकिन सेंटर बन जाने से यह समय घट कर महज 6 से 8 सप्ताह का रह जायेगा। वहीं बच्चों और वयस्कों के लिवर प्रत्यारोपण का कार्य शुरू हो सकेगा। साथ ही बोन मैरो प्रत्यारोपण भी हो सकेगा।
उपकरण और मानव संसाधन की नहीं रहेगी कमी
प्रो. सोनिया नित्यानंद ने बताया एक छत के नीचे किडनी, लिवर व बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन का कार्य शुरू होने से कुछ उपकरणों और मानव संसाधन का उपयोग समान रूप से हो सकेगा। जिससे धन की बचत होगी। उन्होंने बताया कि अलग- अलग जगह किडनी, लिवर व बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन का कार्य करने पर तीन जगह सेटअप बनाना पड़ता। जिसमें खर्च अधिक आता, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि मानव संसाधन की कमी सामने नहीं आएगी।
वहीं दूसरी तरफ इटावा स्थित उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में 28.28 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन 300 बेड्स वाले छात्रावास का निर्माण तेजी से हो सकेगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 41.42 लाख रुपए की किस्त को प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। निर्माण कार्यों के क्वॉलिटी कंट्रोल की जिम्मेदारी भी उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुल सचिव को सौंपी गई है।
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