दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- घोर क्रूरता के समान दहेज उत्पीड़न और दुष्कर्म का झूठा आरोप
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि महिला द्वारा पति के परिवार पर दहेज उत्पीड़न और दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाना ‘घोर क्रूरता’ के समान है और इसे माफ नहीं किया जा सकता।
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उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि किसी भी विवाह का आधार सहवास और दांपत्य संबंध होता है और एक जोड़े को एक-दूसरे के साथ रहने से वंचित किया जाना साबित करता है कि विवाह चल नहीं सकता और वैवाहिक रिश्ते से इस तरह वंचित करना अत्यधिक क्रूरता का कार्य है। अदालत ने यह टिप्पणी एक महिला की अपील खारिज करते हुए की जिसमें परिवारिक अदालत द्वारा पति से अलग रहने को उसके प्रति क्रूरता मानते हुए तलाक की अनुमति देने को चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीला बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा, ‘‘वर्तमान मामले में, निर्विवाद रूप से दोनों पक्ष 2014 से अलग-अलग रह रहे हैं, जो साबित करता है कि वे वैवाहिक संबंध बनाए रखने में असमर्थ हैं, जिससे एक-दूसरे को आपसी सहयोग और वैवाहिक रिश्ते से वंचित किया जा रहा है।
लगभग नौ वर्षों तक इस तरह अलग रहना अत्यधिक मानसिक क्रूरता का उदाहरण है, जिसमें हिंदू विवाह अधिनियम के तहत क्रूरता के आधार पर वैवाहिक संबंध तत्काल विच्छेद करने की मांग की गई है।’’ पीठ ने कहा कि पत्नी द्वारा पति के खिलाफ दायर की गई झूठी शिकायतें पुरुष के खिलाफ मानसिक क्रूरता है। अदालत ने कहा, ‘‘इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि प्रतिवादी (पति) के परिवार के सदस्यों के खिलाफ न केवल दहेज उत्पीड़न बल्कि बलात्कार के गंभीर आरोप लगाए गए, जो झूठे पाये गये।
यह अत्यधिक क्रूरता का कार्य है जिसके लिए कोई माफी नहीं हो सकती।’’ अदालत ने रेखांकित किया कि अलग हुए जोड़ा बमुश्किल 13 महीने तक एक साथ रहा और अपने वैवाहिक रिश्ते को कायम रखने में सक्षम नहीं हैं।
इस जोड़े ने नवंबर 2012 में शादी की और फरवरी 2014 से अलग रह रहे हैं। पति ने दावा किया कि शादी के दिन से, महिला घरेलू कर्तव्यों का पालन करने में विफल रही और उसे और उसके परिवार के सदस्यों को बताए बिना अकसर मायके चली जाती थी। उसने आरोप लगाया कि पत्नी ने आत्महत्या करने और उसे एवं उसके परिवार के सदस्यों को झूठे मामलों में फंसाने की भी धमकी दी।
पुरुष के मुताबिक पत्नी अकसर झगड़ा करती थी और उसके साथ शारीरिक दुर्व्यवहार करती थी। वहीं, महिला ने दावा किया कि उसकी सास ने उसे शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान और अपमानित किया। उसने पति पर पिटाई करने का आरोप लगाया।
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