उन्नाव में शिक्षा मित्र और किशोरी ने फंदा लगाकर दी जान

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Published By Jagat Mishra
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अमृत विचार उन्नाव। उन्नाव में बीघापुर कोतवाली और अचलगंज थानाक्षेत्र में अलग-अलग कारणों से शिक्षा मित्र व किशोरी ने अपने घरों में फंदा लगाकर जान दे दी । पुलिस ने जांच के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं। वहीं घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा है।

केस-1 
बीघापुर कोतवाली क्षेत्र की चौकी निबई अंतर्गत गांव बदिया खेड़ा के मजरे बालाकटरी निवासी 50 वर्षीय जगरूप गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र थे। वह दो दिन से विद्यालय नहीं जा रहे थे। शनिवार सुबह वह चाय पीकर कमरे में चले गए और कमरे में छत के कुंडे में रस्सी के फंदे से फांसी लगा ली। सुबह 11 बजे पत्नी जब उन्हें खाना देने गई तो दरवाजा बंद देख खुलवाने का प्रयास किया। शोर सुन आस-पड़ोस के लोग आ गए। परिवार व पड़ोस के लोग कमरे की कुंडी तोड़कर अंदर गए तो जगरूप को लटका देख उनके होश उड़ गए। लोगों की मानें तो वह शराब का लती था। उसके दो बेटे व एक बेटी बेटे हैं। एक बेटा और बेटी विवाहित हैं। बेटे सूरत में नौकरी करते हैं। एसओ अखिलेश तिवारी ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पीएम रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

केस-2 
अचलगंज थानांतर्गत कस्बा क्षेत्र के मोहल्ला अवंतीबाई नगर निवासी उमा देवी (17) पुत्री सरवन प्रजापति ने अपने कमरे में लगे पंखे के हुक में दुप्पटा का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। घटना के समय वह घर में अकेली थी। पिता राज मिस्त्री का काम करने गया था। जबकि मां खेत गई थी। वह तीन बहन व दो भाइयों में सबसे बड़ी थी। पुलिस ने जांच कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। हादसे से बहन ज्योति, दीपिका व भाई आकाश और अंकित का रो-रोकर बुला हाल था। घटना को लेकर परिजनों ने कहा कि उमा की किसी बात को लेकर छोटी बहन से कहासुनी हुई थी। जिसके बाद उसने फांसी लगा ली। वहीं चर्चा है कि किशोरी को पिता ने किसी बात पर डांटा था।

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