Pakistan: 'न्यायिक कामकाज में अड़चन के लिए राजनीतिक स्थिति जिम्मेदार'
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने उच्चतम न्यायालय के न्यायिक कार्यों में अड़चन के लिए देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ‘कटु संवैधानिक मुकदमों’ ने शीर्ष न्यायालय के कामकाज को प्रभावित किया है। बंदियाल, न्यायिक वर्ष 2023-24 की शुरूआत होने के अवसर पर सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान न्यायालय के सभी न्यायाधीश उपस्थित थे। तीन महीने के अवकाश के बाद शीर्ष न्यायालय इस दिन फिर से खुला।
निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश के संबोधन को विदाई भाषण बताया जा रहा है, क्योंकि वह 16 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने फरवरी 2022 में प्रधान न्यायाधीश का पदभार संभाला था। बंदियाल (64) के हवाले से डॉन अखबार ने कहा, ‘‘कटु संवैधानिक मुकदमों ने उच्चतम न्यायालय के कामकाज को प्रभावित किया है। अदालत को एक मुश्किल स्थिति में डाल दिया गया...जो सिर्फ द्वेषपूर्ण और आक्रामक थी, जिसके परिणामस्वरूप हम इसके शिकार हो गये और कामकाज पर असर पड़ा।’’
उन्होंने उम्मीद जताई कि राजनीतिक और संवैधानिक मामले घट जाने पर अदालत आम वादियों से जुड़े विवादों पर अधिक ध्यान दे पाएगी। उन्होंने काफी संख्या में मामले लंबित रहने का भी उल्लेख करते हुए कहा कि 50,000 मामले घटाने का लक्ष्य रखा गया था, जबकि केवल 2,000 मामलों का ही निपटारा किया जा सका। डॉन अखबार की खबर में कहा गया है कि पिछले करीब एक साल में, राजनीतिक संकट का असर उच्चतम न्यायालय पर भी देखने को मिला है। खबर में कहा गया है कि बंदियाल ने कहा था कि उन्होंने राजनीतिक स्थिरता के लिए प्रार्थना की, ताकि आर्थिक स्थिरता आ सके, लेकिन अफसोस जताया कि उनकी टिप्पणियों की कभी-कभी हंसी उड़ाई गई।
उन्होंने कहा कि ‘संक्षिप्त और अच्छे फैसले’ व्यंग्य में तब्दील हो गये। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की एक याचिका पर इस महीने की शुरूआत में की गई अपनी टिप्पणियों का जिक्र करते हुए यह कहा। खान ने याचिका में, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो कानून में संशोधन को चुनौती दी थी। डॉन के अनुसार, बंदियाल ने कहा कि उनकी टिप्पणी ‘आपको देखकर अच्छा लगा’ को खबरों में संदर्भ से हटा कर पेश किया गया।
उन्होंने कहा कि वह मीडिया से सटीक रिपोर्टिंग की उम्मीद करते हैं। बंदियाल ने उक्त टिप्पणी उस वक्त की थी, जब भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार होने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जमानत का अनुरोध करने के लिए उनके समक्ष पेश हुए थे। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर के अनुसार, ‘‘बंदियाल ने न्यायिक कामकाज को अटकाने के लिए देश में जारी राजनीतिक स्थिति को जिम्मेदार ठहराया।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘न्यायमूर्ति बंदियाल ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि अदालत खुद मुश्किल माहौल का शिकार हो गया।’’
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