मराठा आरक्षण आंदोलन : मनोज जरांगे ने की अनशन समाप्त करने से पहले की मुख्यमंत्री से मुलाकात मांग
मुंबई। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अनशन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त करने से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करने की मांग की है। जरांगे ने मंगलवार देर रात शिंदे से फोन पर हुई बातचीत के बाद यह मांग रखी। राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने देर रात धरना स्थल पर पहुंचकर जरांगे से मुलाकात की थी।
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इससे पहले, जरांगे ने कहा था कि वह 29 जून को शुरू की गई अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल वापस लेने के लिए तैयार हैं, लेकिन जालना जिले के अंतरवाली गांव स्थित धरनास्थल से तब तक नहीं हटेंगे, जब तक राज्य सरकार मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करना शुरू नहीं कर देती।
जरांगे ने यह भी कहा था कि वह राज्य सरकार को एक महीने का समय दे रहे हैं, ताकि उसके द्वारा नियुक्त समिति मराठा आरक्षण पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सके। धरनास्थल पर संवाददाताओं से बातचीत में जरांगे ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यहां आएं, ताकि मैं मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जारी अपना अनशन वापस ले सकूं।
हम बाद में इसी धरना स्थल पर अपने समर्थकों के साथ क्रमिक उपवास जारी रखेंगे।’’ महाराष्ट्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में अंतरवाली सरती गांव में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज के लिए जालना जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल खाड़े और अंबाद तहसील के उप प्रभागीय पुलिस अधिकारी मुकुंद अघव को निलंबित करने के आदेश मंगलवार को जारी किए। राज्य के गृह विभाग द्वारा दो अलग-अलग निलंबन आदेश जारी किए गए।
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