UP: आतंकियों ने कई लड़कों से कहा- नौकरी में क्या रखा है, सीरिया जाओ, करोड़ों में खेलोगे, 29 गवाहों ने दी थी गवाही
कानपुर में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य की हत्या में 29 गवाहों ने गवाही दी थी।
कानपुर में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य की हत्या में 29 गवाहों ने गवाही दी थी। दोनों आतंकियों ने कई लड़कों से कहा था कि 20-30 हजार रुपये की नौकरी में क्या रखा है। तुम्हें सीरिया भेज देंगे। वहां करोड़ों में खेलोगे।
कानपुर, अमृत विचार। नवाबगंज थानाक्षेत्र के विष्णुपुरी इलाके में रहने वाले सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रमेश बाबू शुक्ला की 24 अक्टूबर 2016 को आंतकी आतिफ मुजफ्फर व मोहम्मद फैसल ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। 14 सितंबर को एनआईए कोर्ट से दोनों आतंकियों को मृत्युदंड का फैसला सुनाया गया।
इस पूरे प्रकरण में 1000 पन्नों की चार्जशीट के साथ कुल 64 गवाह पेश किए गए थे, जिसमें से केवल 29 की ही गवाही कराई गई थी। विशेष लोक अभियोजक कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि गवाह मोहम्मद एहसन ने बताया था कि दोनों आतंकियों ने कई लड़कों से कहा था कि 20-30 हजार रुपये की नौकरी में क्या रखा है। तुम्हें सीरिया भेज देंगे। वहां करोड़ों में खेलोगे। इसके अलावा गवाह फरहान खान ने कहा था कि वह फैसल के घर गया था, जहां फैसल ने रमेश बाबू की हत्या की बात बताई थी।
15 मुस्लिम गवाहों ने भी करतूत बताई
इस मामले में विशेष लोक अभियोजक कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि अदालत में कुल 29 गवाह पेश किए गए थे जिसमें 15 मुस्लिम थे। इन गवाहों ने अदालत को दोनों आतंकियों की करतूत बताई थी। गवाही दी थी कि दोनों आतंकी नौजवानों से जेहाद की बातें करते थे। सीरिया भेजने की बात कहकर करोड़ों में खेलने के सपने दिखाते थे। उन्होंने बताया कि जांच में एनआईए को पता चला कि दहशत फैलाने के उद्देश्य से शिक्षक रमेश शुक्ला की हत्या की गई थी। इस हत्याकांड में आतिफ मुज्जफर, मौहम्मद फैसल और मोहम्मद सैफुल्लाह को अभियुक्त बनाया गया था।
सैफुल्लाह को सात मार्च वर्ष 2017 को लखनऊ में मुठभेड़ में मारा गया था। एनआईए कोर्ट ने हत्याकांड में आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को दोषी करार दिया है। उन्होंने बताया कि इसमें मुख्य विवेचक आईपीएस दीपक कुमार ने मुकदमे में 12 जुलाई वर्ष 2018 को 1000 पन्नों की चार्जशीट (आरोप पत्र) अदालत में दाखिल किया था। बताया कि तत्कालीन जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने 22 मार्च वर्ष 2018 को इन अभियुक्तों पर शस्त्र अधिनियम का मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। एनआईए ने 64 गवाह और 61 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए थे।
बरगलाने का प्रयास करते थे दोनों आतंकी
कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि गवाह अलतमस ने गवाही में कहा था कि जहां भी तकरीर होती थी वहां दोनों आतंकी अक्सर जाते थे और लोगों को बरगलाने का प्रयास करते थे। मोहम्मद इंतजार ने बताया कि दोनों हिजरत पलायन और जेहाद की बातें करते थे।
