Kanpur: जलवायु परिवर्तन से सुरक्षित जल्दी उगने वाली फसलों पर शोध, CSA के शोधार्थी जाएंगे अमेरिका और जापान
कानपुर में जलवायु परिवर्तन से सुरक्षित जल्दी उगने वाली फसलों पर शोध।
कानपुर में जलवायु परिवर्तन से सुरक्षित जल्दी उगने वाली फसलों पर शोध करेंगे। सीएसए के शोधार्थी अमेरिका और जापान में नई प्रजातियों पर शोध करेंगे।
कानपुर, अमृत विचार। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के शोधार्थी फसलों की प्रजातियां विकसित करने में अपनाई जा रही नई तकनीक सीखने के लिए अमेरिका और जापान जाएंगे। वहां करीब तीन महीने रुकेंगे और खेती के नवीन तरीकों की जानकारी लेंगे। यह कार्य अमेरिका और जापान के विश्वविद्यालय के सहयोग से किया जाएगा। शोधार्थियों को वहां चल रहे प्रोजेक्ट में शामिल होने का मौका मिलेगा। जापान के शोधार्थी और विशेषज्ञ सीएसए में आएंगे।
सीएसए के मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान के मुताबिक विश्वविद्यालय के शोधार्थी पूर्व में भी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों के विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण हासिल कर चुके हैं। शोधार्थी विश्वविद्यालय के प्रोजेक्ट और यहां की खेती का तरीका वहां के विशेषज्ञों से साझा करते हैं। यह कार्यक्रम कास्ट प्रोजेक्ट के अंतर्गत हुआ, जिसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने सहयोग किया था। इस बार भी परिषद की ओर से शोध कार्यों में मदद की जा रही है। जल्द ही छात्र दूसरे देश के विश्वविद्यालय जाएंगे।
टिश्यू कल्चर और बीजों के विकास पर कार्य
विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के मुताबिक शोधार्थी अमेरिका की यूनिवर्सिटी में टिश्यू कल्चर और बीजों के विकास पर कार्य करेंगे। इससे कम समय में पैदा होने वाली प्रजातियों को तैयार किया जा सकेगा। फसलों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकेगी। शोधार्थियों को बीजों के प्रबंधन की नई जानकारी हासिल होगी, जिससे उन्नत फसल विकसित करने में मदद मिलेगी।
कृषि उपकरणों पर जापान के साथ काम
सीएसए के शोधार्थी जापान के विशेषज्ञों के साथ कृषि उपकरणों पर भी काम करेंगे। विश्वविद्यालय के शाक भाजी अनुसंधान संस्थान में जापान सरकार की ओर से कृषि उपकरणों की यूनिट भी लग रही है। इससे नए उपकरण बनाना आसान हो जाएगा।
सिडनी की वेस्टर्न यूनिवर्सिटी से करार
निदेशक शोध डॉ. सीके उपाध्याय के मुताबिक जल्द ही विश्वविद्यालय का अन्य देशों की यूनिवर्सिटी के साथ करार किया जाएगा। सोमवार को ऑस्ट्रेलिया की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू साइन होगा। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आनंद सिंह और कई अन्य अधिकारी दिल्ली गए हैं। इस एमओयू से शिक्षा और शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।
