रुद्रपुर: फर्जी सरकारी नोटिस, फर्जी मोहर, फर्जी पत्रकार...एक चूक और अब जेल
रुद्रपुर, अमृत विचार। जिला विकास प्राधिकरण के नाम का प्रयोग करते हुए रिकवरी नोटिस भेजकर उगाही करने के प्रकरण में पुलिस ने दो कथित पत्रकारों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से फर्जी मोहर और कुछ लिफाफों के अलावा नगदी बरामद की है। पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है। बताया जा रहा है कि प्रकरण को लेकर प्राधिकरण के सचिव ने पुलिस से मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की थी।
मंगलवार को खुलासा करते हुए एसएसपी मंजूनाथ टीसी, एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल और सीओ सदर अनुषा बडोला ने बताया कि 18 अगस्त को जिला विकास प्राधिकरण के सचिव एनएस नबियाल ने ऑनलाइन शिकायती पत्र भेजकर बताया था कि कुछ कथित पत्रकारों ने गांधी कॉलोनी सिब्बल सिनेमा के सामने अकबर टूल स्टोर के स्वामी को कोरियर के माध्यम से 2.50 लाख रुपये का फर्जी हस्ताक्षर और मोहर लगाकर नोटिस भेजा। इसके बाद खुद मौके पर जाकर 1.50 लाख रुपये नहीं देने पर निर्माणाधीन भवन को ध्वस्त करने की धमकी दी। जिसके बाद फर्म स्वामी ने घबराकर जब इसकी तहकीकात की तो मामला रफा दफा करने के लिए राजी हो गया और पहली किश्त के रूप में 12 हजार रुपये दिये।
एसएसपी ने बताया कि मामला महत्वपूर्ण सरकारी विभाग प्राधिकरण से जुड़ा था तो प्रकरण की तफ्तीश के लिए कोतवाल सहित चौकी प्रभारियों की एक टीम बनाकर जांच शुरू करवाई गई। पता चला कि कथित दिव्यांग पत्रकार सलीम खान निवासी गांधी कॉलोनी रुद्रपुर और वरुण बांध निवासी शेखपुरी जानी मैरठ हाल निवासी भूतबंगला ने मिलकर एक षडयंत्र रचा और प्राधिकरण की मोहर, सरकारी भाषा का प्रयोग कर फर्जी नोटिस भेजकर उगाई करने का कृत्य किया है। जब पुलिस को जांच में आरोपों की पुष्टि हुई तो पुलिस ने दबिश देकर मंगलवार की सुबह दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से दो फर्जी मोहर, कुछ सरकारी लिफाफे और 12 हजार रुपये की नगदी बरामद की। पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है।
भाषा शैली और गलत पता डालने पर लगी भनक
रुद्रपुर। पत्रकारिता की आड़ में प्राधिकरण की छवि धूमिल करने वाले कथित पत्रकारों ने यह नहीं सोचा था कि उनकी जरा सी चूक उनको जेल की हवा खिला देगी। सबसे पहले आरोपियों ने अकबर टूल स्टोर के स्वामी को पोस्ट के माध्यम से रिकवरी का फर्जी नोटिस जारी किया था। जिसमें लिखी भाषा निरक्षर की भांति थी। नोटिस नहीं मिलने पर आरोपियों ने पुन:कोरियर के माध्यम से नोटिस भेजा और उस पर लिखा पता जिला विकास प्राधिकरण का अंकित किया और प्रेषक का पता गांधी कॉलोनी गलत डाल दिया। जब नोटिस प्राधिकरण के कार्यालय पहुंचा तो विभाग में हड़कंप मच गया। प्रकरण की जांच के बाद कथित पत्रकारों के नाम सामने आए।
कथित पत्रकारों का है आपराधिक इतिहास
रुद्रपुर। प्राधिकरण के नाम का दुरुपयोग कर उगाई का खेल खेल रहे कथित आरोपी पत्रकार सलीम खान पर छह धोखाधड़ी और एक गैंगस्टर के तहत मुकदमा पंजीकृत है, जबकि उसके दूसरे साथी वरुण बांध पर आबकारी अधिनियम के तहत थाना मेरठ में तीन मुकदमे पंजीकृत हैं। इसके अलावा पुलिस अब दोनों का आपराधिक इतिहास खंगालने में जुट गई है। सलीम पर दर्ज कई ठगी के मुकदमे दर्ज होने की सूचना मिलते ही पुलिस भी हैरान रह गई। कारण यह शख्स खुलासे के दौरान पुलिस की पत्रकार वार्ता में अक्सर देखा जाता था।
एसएसपी ने दिए पुलिस सत्यापन के आदेश
रुद्रपुर। प्राधिकरण के फर्जी नोटिस प्रकरण के खुलासे के दौरान एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने अधीनस्थों को आदेश दिए कि वास्तविक एवं अवास्तविक पत्रकारों का सत्यापन कर उसकी एक सूची तैयार की जाए। इसके बाद उस सूची को सभी सरकारी कार्यालयों में भेजा जाए। ताकि कोई भी व्यक्ति लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की मर्यादा को अपमानित नहीं कर सके और आदेशित किया कि वास्तविक एवं मेहनतकश पत्रकारों की सूची के आधार पर पुलिस ग्रुप में जोड़ा जाए।
