लखनऊ: निजी अस्पताल ने लूटा, सरकारी में नहीं मिला वेंटिलेटर, मरीज की हुई मौत

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Published By Deepak Mishra
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निजी अस्पताल ने तीन दिन में डेढ़ लाख वसूलकर बलरामपुर अस्पताल भेजने का आरोप

लखनऊ, अमृत विचार। बाराबंकी के मरीज को चिनहट के एक निजी अस्पताल में तीन दिन भर्ती के दौरान परिजनों से डेढ़ लाख वसूल लिए गए। रुपये खत्म होने पर परिजन उसे बलरामपुर अस्पताल ले गए। यहां वेंटिलेटर न मिलने के कारण मरीज ने दम तोड़ दिया। मृतक के बेटे ने निजी अस्पताल पर इलाज में लापरवाही और अधिक बिल वसूलने का आरोप लगाया है। बेटे ने इस मामले में सीएमओ से शिकायत करने की बात कही है।

बाराबंकी के फतेहपुर क्षेत्र के बिलहरा गांव के रहने वाले उस्मान (55) घर में अचानक गश खाकर गिर गए थे। परिजन पहले नजदीकी अस्पताल ले गए वहां पर इलाज से कोई राहत नहीं मिली। मंगलवार को परिजन लोहिया अस्पताल ले गए। वहां पर वेंटीलेटर खाली न होने का हवाला देकर दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई।

इसी बीच मरीज चिनहट स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां पर तीन दिन तक भर्ती रहने दौरान करीब डेढ़ लाख रुपए वसूल लिए गए। परिजनों ने इलाज के लिए रुपए न होने की बात कही। जिसके बाद एडवांस लाइफ सपोर्ट की एंबुलेंस से मरीज को शुक्रवार दोपहर बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी भेजा गया। मरीज एंबुबैग पर था। डॉक्टरों ने उसे आनन फानन में इमरजेंसी के अंदर ले जाकर भर्ती कर लिया।

आईसीयू में एक भी बेड खाली न होने की वजह से उसे इमरजेंसी में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। देर रात इलाज दौरान उसकी मौत हो गई। बेटे सलमान ने निजी अस्पताल पर वसूली का आरोप लगाया है। वहीं, निजी अस्पताल के संचालक विनय सिंह का कहना है कि हमारे अस्पताल में मरीज को तेजी से फायदा हो रहा था। परिजन अपनी मर्जी से उसे निकाल कर ले गए। अधिक बिल वसूली का आरोप बेबुनियाद है।

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