अमेठी : तेंदुआ प्रधान से 57487 रुपये की होगी रिकवरी

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Published By Jagat Mishra
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अमेठी, अमृत विचार। मजदूरों की मजदूरी के भुगतान में नियमों की अनदेखी करना ग्राम पंचायतों के प्रधान और सचिव को भारी पड़ रहा है। नियम के तहत मजदूरी का भुगतान श्रमिक के खाते में होना चाहिए। लेकिन, यहां पर उसके खाते में न देकर दूसरे के खाते में धनराशि भेजकर उसका वितरण कराया गया। जांच में मजदूरों ने काम होने और पैसा मिलने की बात भी स्वीकार की। नियमों की अनदेखी करने पर विकास खंड बहादुरपुर के ग्राम पंचायत तेंदुआ ग्राम प्रधान से 57487 रुपये की वसूली की जाएगी। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।

ग्राम पंचायतों में हो रहे विकास कार्यों में अनियमितता किए जाने की शिकायत निरंतर मिल रही थी। जांच के लिए डीएम के आदेश पर कमेटी गठित की गई थी। जांच में 138 ग्राम पंचायतों में नियमों की अनदेखी का मामला आया। डीपीआरओ श्रीकांत यादव बताते हैं कि जून 2020 से यह व्यवस्था की गई थी कि श्रमिकों का भुगतान उनके बैंक खाते में पीएफएमएस के जरिए किया जाएगा। लेकिन, इन गांवों में श्रमिकों के खाते में पैसा न भेजकर दूसरे के खाते में मजदूरी भेजी गई। बाद में उसे निकालकर वितरण किया गया। नियमों की अनदेखी के मामले को गंभीरता से लिया गया है। इसी क्रम में विकास खंड बहादुरपुर की ग्राम पंचायत तेंदुआ के ग्राम प्रधान भी लपेटे में आए है। 

तेंदुआ प्रधान से 57487 रुपये की रिकवरी होनी है। रिकवरी के लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है। वैसे तो तेंदुआ ग्राम पंचायत के कारनामें जग जाहिर है। इससे पहले इन पर गौशाला में पर्याप्त मात्रा में भूसा न रखना, हरे चारे की व्यवस्था न होना, पशु आहार स्टॉक में निल रखने पर डीएम के निर्देश पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पशु चिकित्सक ने फुरसतगंज थाने में केस दर्ज करवाया था।

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