बरेली: सरकारी भूमि पर उगी फसल हड़पने पर ग्राम प्रधान पर 22 लाख का जुर्माना, जानिए पूूरा मामला

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Published By Vikas Babu
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अवैध कब्जे से मुक्त कराकर ग्राम प्रधान के सुपुर्द की गई थी 106 बीघा सरकारी जमीन

बरेली, अमृत विचार। फरीदपुर इलाके में रामगंगा किनारे सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों का खेल बंद नहीं हो रहा है। अब एक महिला ग्राम प्रधान 106 बीघा सरकारी जमीन पर उगी फसल बेचकर पैसा हड़प लेने के मामले में फंस गई है। उस पर 22.26 लाख का जुर्माना ठोका गया है। गांव के दो और लोगों पर भी लाखों का जुर्माना डाला गया है।

एसडीएम फरीदपुर निधि डोडवाल की ओर से एडीएम फाइनेंस को भेजे गए पत्र के मुताबिक2021 में 106 बीघा भूमि पर खड़ी गन्ने की फसल कल्यानपुर की ग्राम प्रधान जावित्री देवी को भूमि प्रबंधक समिति की अध्यक्ष होने के नाते संरक्षण करने के लिए सुपुर्द की गई थी लेकिन ग्राम प्रधान ने सरकारी भूमि पर कब्जा कराकर फसल कटवा ली और सारा पैसा हड़प लिया। यह जमीन दो और लोगों के कब्जे से छुड़ाकर भूमि प्रधान को दी गई थी। सरकारी धनराशि गबन के इस मामले की तहसीलदार फरीदपुर से जांच कराई गई। तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में ग्राम प्रधान पर लगे आरोप की पुष्टि की है।

जांच रिपोर्ट के मुताबिक राजस्व विभाग की टीम ने राजस्व ग्राम रायपुर तोकमन की करीब 21 गाटा संख्याओं की भूमि की जांच की। इन पर बाजरा, तिल, गन्ने की फसल के साथ यूकेलिप्टिस के पेड़ खड़े थे जिस पर नवदिया कल्यानपुर के धूम सिंह, जगदीश का अवैध कब्जा था।

लेखपाल ने फसल और पेड़ जावित्री देवी की सुपुर्दगी में दी थी। कब्जेदारों के विरुद्ध 15 नवंबर 2021 को तहसीलदार न्यायालय में वाद दर्ज कराया। तहसीलदार ने 21 मार्च 2023 को धूम सिंह पर 3.38 लाख और रामभरोसे पर 73 हजार का जुर्माना डालकर बेदखली का आदेश जारी किया था। यूकेलिप्टस के पेड़ अब भी खड़े हैं।

फसलों को बचाने के लिए ग्राम प्रधान की सुपुर्दगी में 106 बीघा भूमि दी गई थी लेकिन देखरेख न होने से जानवरों ने फसलें बर्बाद कर दीं। अवैध कब्जेदार बार-बार फसल की बुवाई कर देते थे। कुछ गन्ने की फसल नष्ट होने से बच गई जिसे धूम सिंह ने अवैध रूप से काट लिया। इस पर थाना फरीदपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

सात दिन के अंदर जमा करने होंगे 22.26 लाख
तहसीलदार ने 22 सितंबर को ग्राम प्रधान जावित्री देवी को नोटिस जारी कर सात दिन के अंदर 22 लाख 26 हजार फसल क्षतिपूर्ति की रकम सरकारी खाते में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा कि 11 अक्टूबर 2021 को करीब 6.450 हेक्टेयर भूमि उनके सुपुर्द की गई थीं। इस पर खड़ी फसल का कोई ब्योरा उन्होंने उपलब्ध नहीं कराया।

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