मुरादाबाद : नगर निगम के सामने एजेंसी से 5 करोड़ जुर्माना वसूलने की चुनौती, 2 लाख घरों व प्रतिष्ठानों में लग रहा स्मार्ट मीटर

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Published By Bhawna
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सड़क काटकर छोड़ने पर नगर निगम ने पिछले वित्तीय वर्ष में केवल 91,000 वसूले

आशियाना में सीवर पाइपलाइन के लिए खोदी गई सड़क में फंसा मिनी ट्रक।

मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर में सुचारू जलापूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ कर पानी की बर्बादी रोकने के लिए स्मार्ट सिटी मिशन की परियोजना में दो चरण में 12 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से कार्य चल रहा है। इस कार्य से जितना पानी खर्च होगा उसकी बिलिंग कर जलकल विभाग की ओर से वसूला जाएगा। लेकिन, जलापूर्ति के लिए बिछाई गई पाइपलाइन में रोड कटिंग कर छोड़ने वाली एजेंसी से 5 करोड़ वसूलने में गंभीरता नहीं है। 

नगर निगम की बोर्ड बैठक में इस बार 2 लाख से अधिक घरों व प्रतिष्ठानों में लग रहे स्मार्ट मीटर के माध्यम से जलकर वसूली पर जोर देकर निगम की आय बढ़ाने का बजट स्वीकृत किया गया है। लेकिन, स्कॉडा परियोजना में पानी की बर्बादी रोकने की पहल प्रथम चरण में 10.78 करोड़ और दूसरे चरण में 1.97 करोड़ रुपये से हुई है। लेकिन, जलापूर्ति कनेक्शन देने के लिए पाइपलाइन बिछाने के लिए जलनिगम की ओर से कराए गए कार्य में कार्यदायी संस्था के द्वारा रोड कटिंग कर मरम्मत न करने के चलते 5 करोड़ रुपये जुर्माने के रूप में लगा था। लेकिन, निगम प्रशासन इसे एक साल में भी वसूल नहीं पाया। पिछले वित्तीय वर्ष में केवल 91,000 रुपये वसूले गए। ब्याज मिलाकर 5 करोड़ रुपये वसूलने की चुनौती बरकरार है। 

नगर आयुक्त संजय चौहान का कहना है कि स्मार्ट सिटी मिशन की ओर से स्कॉडा के तहत दो चरण में महानगर के 2 लाख से अधिक घरों व प्रतिष्ठानों में अब तक पेयजल कनेक्शन दिया जा चुका है। स्मार्ट मीटर लग रहे हैं। इससे पानी की बर्बादी रुकेगी।

2 लाख घरों व प्रतिष्ठानों में लग रहा स्मार्ट मीटर
जलापूर्ति व्यवस्था सुधार कर पानी की खपत के अनुसार बिलिंग कर जलकर वसूली बढ़ाने के लिए महानगर के 70 वार्डों में 2 लाख से अधिक घरों व प्रतिष्ठानों में मीटर लग रहा है। इसके कनेक्शन देने में खर्च को भी उपभोक्ताओं से लिया जा रहा है। लेकिन, रोड कटिंग करने वाली एजेंसी पर सख्ती करने को ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष में 33 लाख रुपये जल मूल्य वसूल कर निगम की आय बढ़ाने का पक्ष भी बजट में रखा गया है। जिसे निगम बोर्ड से सर्वसम्मति से मंजूरी मिल चुकी है।

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