हृदय दिवस पर विशेष : सीने में होने वाले दर्द को न समझें मामूली...हार्ट अटैक का खतरा

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Published By Bhawna
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World Heart Day 2023 : अनियमित जीवन शैली से आता है हार्ट अटैक, रोज करें व्यायाम

रामपुर, अमृत विचार। अचानक से सीने के बीच में तेज दर्द होकर पूरे में फैलना, पसीना आना और सांस लेने में दिक्कत होना हार्ट अटैक के मुख्य लक्षण हैं। अगर, यह लक्षण दिखाई दें तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। इसको नजर अंदाज करना मौत का कारण बन सकता है। गुरुवार को हृदय रोग विशेषज्ञ डा. विशेष कुमार से अमृत विचार के वरिष्ठ संवाददाता आशुतोष शर्मा ने बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?
संतुलित आहार लें, प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं। मोटापा बिल्कुल न बढ़ने दें। कम से कम रोज आधा घंटा वर्कआउट करने की कोशिश करें। स्मोकिंग से बचें, तनाव को मैनेज करें, अच्छी नींद लें, अपनी दिनचर्या नियमित रखें। समय पर उठें, समय पर खाना खाएं। उम्रदराज लोग प्रत्येक माह अपनी बॉडी का चेकअप जरूर करवाएं।



बच्चों में हार्ट अटैक की समस्या क्यों आ रही है?
अनियमित दिनचर्या से बच्चों को हार्ट अटैक की समस्या आ रही है। इसके पीछे माता-पिता की लापरवाही भी मानी जाती है। खानपान में लापरवाही, स्मोकिंग, पढ़ाई का ज्यादा प्रेशर होना, जंक फूड खाना, खेल कूद से दूर रहना, गेम का एडिक्ट होना आदि प्रमुख कारणों से छोटी उम्र से ही बच्चे हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं।

हार्ट अटैक क्यों आता है?
हार्ट अटैक अमूमन नसों में ब्लॉकेज के कारण आता है। दिल की किसी एक नस का 100 फीसदी ब्लॉक होना या फिर खून सप्लाई करने में कोई बाधा उत्पन्न होने पर हार्ट अटैक आता है। एक स्टेबल कंपोनेट कोलेस्ट्रॉल के जमने से भी हार्ट अटैक की संभावना सर्वाधिक होती है।

कैसे पहचानें हार्ट अटैक के लक्षण?
सीने में तेज दर्द होकर पसीना आना, चक्कर आना, बेचैनी महसूस करना, जी मचलाना, सांस लेने में दिक्कत होना, उलटी आना आदि हार्ट अटैक के लक्षण हैं। जबड़े में दर्द होना महिलाओं में हार्ट अटैक का प्रमुख लक्षण है। वहीं पुरुषों में सीने में दर्द के बाद पीठ दर्द होना भी हार्ट अटैक का लक्षण है। अगर, यह लक्षण दिखाई दें तो तत्काल चिकित्सक को दिखाएं।

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या अंतर है?
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक दो अलग-अलग हृदय विकार हैं। धमनियों में रुकावट होने पर हृदय तक पर्याप्त खून नहीं पहुंचने पर व्यक्ति को दिल का दौरा आता है। कार्डियक अरेस्ट में दिल का धड़कना ही बंद हो जाता है। यह स्थिति किसी बड़ा सदम लगने पर भी उत्पन्न हो सकती है।

हार्ट अटैक आने पर क्या करें?
हार्ट अटैक आने पर मरीज को सबसे पहले चिकित्सक के पास ले जाएं। उससे पहले रोगी व्यक्ति के पैरौं के नीचे तकिया रखें। मरीज को धीमी और गहरी सांस लेने को कहें। मरीज को खुले में लिटाएं। जिससे ऑक्सीजन की कमी न हो सके। हड़बड़ाएं बिल्कुल नहीं।

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