मुरादाबाद : बिना चिकित्सक आयुष्मान भव: की संकल्पना पर ग्रहण, मरीजों को लगानी पड़ रही दिल्ली-मेरठ और लखनऊ की दौड़

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Published By Bhawna
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लेवल फोर के 17 में से 7 और लेवल थ्री के 33 में 13 चिकित्साधिकारी हैं तैनात, विशेषज्ञ चिकित्सक भी नहीं  

जिला पुरुष अस्पताल में स्थापित ट्रू नैट लैब ।

विनोद श्रीवास्तव,अमृत विचार। जन सामान्य को बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान कर आयुष्मान भव: अभियान की सफलता पर चिकित्साधिकारियों व चिकित्सकों के रिक्त पद से ग्रहण लग रहा है। अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक के पद खाली हैं तो मुख्य चिकित्साधिकारी के अधीन कार्यरत अपर मुख्य चिकित्साधिकारी और उप मुख्य चिकित्साधिकारी की रिक्तियां हैं। जिससे कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में अड़चन आ रही है। 

जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को फलीभूत कराने वाले मानव संसाधन की भारी कमी है। मुख्य चिकित्साधिकारी के अधीन कार्यरत अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, उप मुख्य चिकित्साधिकारी पदों की रिक्तियों से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में अड़चन है। जिले में केवल छह अपर मुख्य चिकित्साधिकारी हैं। जबकि लेवल फोर में 17 पद स्वीकृत हैं। उप मुख्य चिकित्साधिकारी के पद पर सिर्फ दो चिकित्साधिकारी कार्य कर रहे हैं। इनके ऊपर भी एक साथ कई कार्यक्रमों की जिम्मेदारी है।


16 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्साधिकारी विहीन
नगर क्षेत्र में सरकारी चिकित्सा सुविधा सुदृढ़ करने के लिए 38 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य संचालित हैं। लेकिन, विडंबना यह है कि 38 में से 16 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्साधिकारी विहीन हैं। वह भी तब जब 29 सितंबर को वाक इन इंटरव्यू से 11 चिकित्साधिकारियों की नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत जिले स्तर पर की गई है। 

जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों के 35 पद खाली
मंडल मुख्यालय के पं. दीनदयाल उपाध्याय पुरुष चिकित्सालय में भी चिकित्सकों की कमी है। विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से कई गंभीर बीमारियों जैसे हृदयरोग, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो आदि से संबंधित मरीजों को दिल्ली, मेरठ, लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ती है। कई विभागों में सेवानिवृत्त चिकित्सकों को सरकार ने पुनर्नियोजित कर रखा है। नये चिकित्सकों के न आने से कई विभाग में प्रशिक्षु चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे हैं। 

यह हैं जिले में तैनात अपर मुख्य चिकित्साधिकारी
डॉ. ब्रह्म सिंह, डॉ. एनके कुरैचया, डॉ, सुनील दोहरे, डॉ. भारत भूषण नोडल यूपीएचसी, डॉ. रामकिशोर।

डिप्टी सीएमओ केवल दो
दो उप मुख्य चिकित्साधिकारी वर्तमान में कार्यरत हैं। जबकि स्वीकृत पद 8 है। वर्तमान में डॉ. संजीव बेलवाल और डॉ. प्रवीन श्रीवास्तव की तैनाती है। 

जिला अस्पताल में चिकित्सकों के 65 पद के सापेक्ष केवल 30 की ही तैनाती है। कई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं। इसकी सूचना शासन को भेजी जाती है। वाक इन इंटरव्यू के माध्यम से भी भर्ती कराने का प्रयास है। स्थानीय स्तर पर जो संसाधन है उससे बेहतर सेवा दी जा रही है।  -डॉ. संगीता गुप्ता, प्रमुख अधीक्षक जिला अस्पताल

आयुष्मान भव: अभियान में लग रहे शिविरों में निजी मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षु चिकित्सकों की सेवा भी ली जा रही है। लेवल 4 व 3 के खाली पदों पर तैनाती शासन स्तर से होनी है। स्थानीय स्तर पर वाक इन इंटरव्यू के माध्यम से भर्ती कराई जा रही है। 15 दिन में कुछ और चिकित्सक मिल जाएंगे। -डॉ. कुलदीप सिंह, सीएमओ

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