बरेली: पानी के बाजार में आरओ प्लांट की बाढ़, अधिकतर अवैध
बरेली, अमृत विचार। शहर में स्थानीय स्तर पर तमाम आरओ प्लांट संचालित हो रहे हैं, मगर हैरानी की बात है कि किसी ने भू गर्भ जल विभाग से एनओसी नहीं ली है। यहां सिर्फ नामचीन कंपनियों के आरओ प्लांट ने ही एनओसी ले रखी है, यानी अन्य प्लांट अवैध तरीके से चल रहे हैं। ऐसे आरओ प्लांट पर कार्रवाई के लिए नगर निगम और भू गर्भ जल विभाग संयुक्त सर्वे करेगा।
कुछ वर्षों में आरओ प्लांट की संख्या तेजी से बढ़ी है। जिले में आरओ वाटर के नाम पर पानी बेचने का बाजार गर्म है। लोगों को शुद्ध पेयजल मिल रहा है या नहीं, यह तो जांच का विषय है लेकिन अवैध आरओ प्लांट भू-गर्भ जल का धड़ल्ले से दोहन कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिले में सिर्फ शुद्ध पेय जल के ब्रांडेड उत्पादों की कंपनियों ने ही एनओसी विभाग से ली हुई है।
इनके अलावा एक भी आरओ प्लांट ने एनओसी और पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं किया। जबकि गली मोहल्लों में आरओ प्लांट चल रहे हैं। अधिकांश के पास न तो कोई लाइसेंस है और न पानी के जांच की व्यवस्था है। बस बोरिंग कराया और शुरू कर दिया पानी का कारोबार।
जिले में संचालित आरओ प्लांट का सर्वे नगर निगम के सहयोग से किया जाएगा। शहरी क्षेत्र में अवैध प्लांटों की संख्या अधिक है। जल्द सर्वे शुरू किया जाएगा।-गणेश नेगी, सीनियर हाइड्रियोलॉजिस्ट, भू-गर्भ जल विभाग
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