लखीमपुर-खीरी: बाघ की दहशत कैसे कटे धान, खेत पर नहीं पहुंच रहे मजदूर और किसान

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Published By Vikas Babu
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लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। मैलानी रेंज के कुकरा क्षेत्र में बाघ की दहशत से खेत पर मजदूर और किसान नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे लोगों को धान कटने की चिंता सताने लगी है।

वन रेंज मैलानी क्षेत्र की वन चौकी सलेमपुर के अंतर्गत ग्रंट नंबर तीन बूटा सिंह के फार्म के निकट सुक्खी के पति राममिलन को बाघ ने 29 सितंबर मौत के घाट उतार दिया था। बाघ की चहल कदमी कुकरा, सलेमपुर, इंदिरानगर, फरेंदा पुल, लौकिहा, हिंदुस्तान फॉर्म, लोहिया पुल, झाड़ू शाह मियां की मजार, हसनैन इंटर कॉलेज, ईदगाह, जटपुरा, नरगढी फॉर्म, खंजनपुर के समीप प्रतिदिन सुबह शाम दहशत से क्षेत्र के किसान, सिक्ख फार्मर, मजदूर फसल की रखवाली करने एवं धान की फसल को काटने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं।

30 सितंबर को मृतक राममिलन के घर के इर्द गिर्द चार सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए गए थे। परंतु चार अक्टूबर तक कैमरा में बाघ की कोई तस्वीर कैद नहीं हुई है। मृतक राममिलन के घर के निकट बूटा सिंह के फॉर्म पर बाघ को कैद करने के लिए पहली अक्टूबर वन विभाग द्वारा पिंजड़ा लगाया गया था परंतु अब तक बाघ पिंजरे में कैद नहीं हुआ है। इससे ग्रामीण भयभीत हैं, जो बाघ के भय से खेतों तक नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में तैयार खड़े धान की कटाई की उन्हें चिंता सता रही है।

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