अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर विशेष: मनोबल को ऊंचा रखकर हर क्षेत्र में परचम लहरा रहीं रामपुर की बेटियां
रामपुर, अमृत विचार। विश्व भर में आज का दिन (11 अक्टूबर) युवा लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। एक समय था जब लड़कियां/महिलाएं केवल रसोई और घर तक सीमित थीं, लेकिन आज के युग में युवतियां युवाओं से आगे निकल रही हैं। रामपुर की बेटियों की बात की जाए तो कोई छात्रा 5289 मीटर ऊंची चोटी पर तिरंगा फहरा रही है तो कोई हॉकी में नेशनल खेलकर जिले का नाम रोशन कर रही है। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी हमारी बेटियां नाम ऊंचा कर रही हैं। बालिकाएं अब युवाओं के लिए मिशाल बनकर सामने आ रही हैं। न सिर्फ खेलों में बल्कि अन्य विषयों में भी बालिकाओं का प्रदर्शन शानदार है।
रिजवाना ने माउंट फ्रेंडशिप चोटी पर फहराया था तिरंगा
मूलरूप से हापुड़ के पिलखुआ निवासी रिजवाना ने रामपुर के इम्पैक्ट कॉलेज में पढ़कर बीए उत्तीर्ण किया था। वर्ष 2020 में रिजवाना ने अपने ग्रुप के साथ हिमाचल प्रदेश स्थित सोलांग वैली में स्थित 5289 मीटर ऊंची माउंट फ्रेंडशिप चोटी पर 24 अक्टूबर 2020 को तिरंगा फहराया था। तब जिले में कई जगह रिजवाना का स्वागत किया गया था। मौजूदा समय में रिजवाना माउंड एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए तैयारी कर रही हैं। बताती हैं कि अगर आपके अंदर किसी भी काम करने का जज्बा है तो आप हार नहीं मान सकते हैं। निरंतर की गई मेहनत एक दिन जरूर रंग लाती है। दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं।

नेहा ने हॉकी में नेशनल खेलकर जीते कई मेडल
ज्वालानगर इलाके की ठा. राजवीर सिंह की पुत्री नेहा सिंह ने हॉकी में नेशनल खेलकर रामपुर का मान बढ़ाया है। नेहा भोपाल और लखनऊ में नेशनल खेल कर स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। नेहा की प्रारंभिक शिक्षा रामपुर के विद्या मंदिर से हुई है, जबकि ग्रेजुएशन राजकीय महिला डिग्री कालेज से हुआ है। मौजूदा समय में मुरादाबाद के सोनकर स्टेडियम में यह अगले हॉकी मैच की तैयारी में लगी हैं। बताती हैं कि बचपन से ही खेल के प्रति दीवानगी थी। अगर कुछ ठान लिया जाए तो असंभव नहीं। जो कुछ वर्षों की मेहनत में कर दिखाया। प्रयास अभी जारी है। कुछ बड़ा करने का इरादा है।

योगिता बोरा ने रामपुर का किया नाम रोशन
पुराना आवास विकास निवासी योगिता बोरा पुत्री जगत सिंह बोरा ने भी हॉकी में नेशनल खेल रामपुर का मान बढ़ाया है। इन्होंने कक्षा छह तक की पढ़ाई सरस्वती विद्या मंदिर से की थी, इसके बाद स्पोर्ट्स हॉस्टल गोरखपुर चली गईं थी। जहां वर्षों की मेहनत के बाद भोपाल, झांसी, कांकीनाड़ा आदि शहरों में खेलकर हॉकी में स्वर्ण पदक जीता। बोरा ने दो बार इंडिया कैंप भी लगाया। मौजूदा समय में यह सेंट्रल रेलवे मुंबई में जूनियर क्लर्क हैं। लेकिन आज भी इनकी तैयारी जारी है। समय निकालकर दिल्ली के मेजर ध्यानचंद में यह प्रैक्टिस करती हैं। रामपुर को ऐसी बेटियों पर गर्व है।

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