पीलीभीत: सरकारी केंद्रों से लौट रहे किसान, मिलों पर 1800 में बिक रहा धान...अफसर अंजान!

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Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार। धान खरीद के तेरह दिन बीत चुके हैं।  आढ़त और राइस मिल पर धान की खरीद तो तेजी पकड़ चुक है लेकिन सरकारी केंद्रों पर अभी भी हालात में सुधार नहीं हो सका है। नमी बताकर किसान लौटाए जा रहे हैं। जिसके बाद धान  औने-पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है।

एक अक्टूबर से सरकारी धान खरीद शुरू हो चुकी है। जनपद भर धान खरीद कराने के लिए 144 धान क्रय केंद्र बनाए गए है। जिसमें खाद्य विभाग के 33, पीसीएफ के 25, पीसीयू के 39, यूपीएसएस के 44 और भारतीय खाद्य निगम के तीन क्रय केंद्र शामिल हैं। प्रति क्विंटल धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रुपये घोषित किया गया है।

शासन प्रशासन अधिक से अधिक किसानों को एमएसपी का लाभ दिलाने को दिशानिर्देश जारी कर रहा है। मगर खरीद के तेरह दिन बीतने के बाद भी अभी स्थिति सुधर नहीं सकी है। दो दिन पहले ही एडीएम वित्त एवं राजस्व राम सिंह गौतम ने औचक निरीक्षण किया तो कई केंद्रों पर खरीद का खाता भी नहीं खुला था और अन्य अव्यवस्थाएं देखने को मिली थी। इसे सुधारने के लिए निर्देशित किया गया। मगर अभी भी स्थिति संभल नहीं सकी है।

ग्रामीण इलाकों में लगाए गए क्रय केंद्रों पर तो मानों पुराना सिस्टम भी हावी है। बताते हैं कि गांव अजीतपुर बिल्हा में आरएफसी, बिलंदपुर अशोक में यूपीएसएस, बलरामपुर में यूपीएसएस के क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं।करीब एक पखवाड़ा बीतने के बाद भी अभी इन केंद्रों पर खरीद की स्थिति बदतर बनी हुई है। किसानों की मानें तो इस बार भी उन्हें अपने धान को औने-पौने दाम में बेचना पड़ रहा है।

आरोप तो यह भी है कि कुछ राइस मिलर्स को ही क्रय केंद्र दे दिए गए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य छोड़िए नमी के नाम पर किसान केंद्र से टकराए जाने के बाद अपना धान 1700 से लेकर 1800 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से बेचने को मजबूर हैं। जिससे फसल की लागत निकाल पाना भी मुश्किल हो रहा है। घुंघचिहाई कई गांवों का केंद्र बिंदु माना जाता है। किसानों की संख्या भी कम नहीं है। मगर बताते हैं कि इस बार तो यहां पर क्रय केंद्र ही नहीं लगाया गया है। इसे लेकर भी दिक्कत सामने आ रही है।

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