सावधान! अगर गोलगप्पा खाने में आपका भी नहीं खुलता मुंह, फौरन ले डॉक्टर की सलाह, कहीं इस बीमारी के लक्षण तो नहीं

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस के मरीज बढ़ रहे।

कानपुर के हैलट अस्पताल में ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस के मरीज बढ़ रहे। यहां 70 मरीज रोजाना ओपीडी पहुंच रहे है।

कानपुर, अमृत विचार। पान, पान मसाला या तंबाकू खाने वाले लोगों का अक्सर पूरा मुंह खुलना बंद हो जाता है। वह गोलगप्पा नहीं खा पाते हैं। यहां तक कि भोजन करने में भी दिक्कत उठानी पड़ती है। इस समस्या को ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस कहा जाता है। इस बीमारी से शहर और आसपास के इलाके में बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हैं। हालत यह है कि हैलट अस्पताल की दंत रोग ओपीडी में इस मर्ज के औसतन रोज 70 मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। 

ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस पीड़ित लोगों का मुंह पहले के मुकाबले खुलना काफी कम हो जाता है। हल्की मिर्च खाने तक में उनके पसीने छूट जाते हैं। दंत रोग विशेषज्ञों के मुताबिक कानपुर समेत आसपास के जिलों में पान, पान मसाला और तंबाकू के शौक के कारण यह मर्ज आम होता जा रहा है। पीड़ित लोग पानी पूरी या गोलगप्पा नहीं खा पाते हैं। पूछने पर बताशा फोड़कर खाने की बात कहते हैं। खाना खाने में भी दिक्कत होना बताते हैं।

सलाह नहीं मानने पर हो जाता मुंह का कैंसर

दंत रोग विभाग विभागाध्यक्ष प्रो. अशरफ उल्ला के मुताबिक रोज करीब 40 मरीजों की अलग अलग बीमारी में सर्जरी की जाती है। अगर परामर्श व इलाज के बाद भी लोग पान मसाला या तंबाकू का सेवन नहीं छोड़ते हैं, तो उनको मुंह का अल्सर हो जाता है, जो कैंसर का रूप ले लेता है। प्रो. अशरफ ने बताया कि अधिकांश लोगों के मुंह का आकार 40 से 45 मिमी होता है, इसमें चार अंगुलियां आसानी से चली जाती हैं। लेकिन जिनका मुंह 40 मिमी से कम खुलता है, वह व्यक्ति ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस की चपेट में है। 29 मिमी से कम मुंह खुलना प्री कैंसर स्टेज होती है।
  
सुपारी भी नहीं कम हानिकारक 

अक्सर लोग पान में सुपारी डालकर खाते हैं, और यह सोचते हैं कि सुपारी ही तो खा रहे हैं तंबाकू नहीं, लेकिन हकीकत में यह भ्रम है। तंबाकू हो या सुपारी दोनों में से किसी एक का भी सेवन करने से कैंसर हो सकता है। सबसे ज्यादा कैंसर कारक तत्व अरिकैडाइन और अरिकोलाइन एसिड सुपारी में पाया जाता है। तंबाकू में निकोटिन और टार नामक हानिकारक तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर का कारण बनते हैं। 

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