मुरादाबाद : पदक जीतकर गृहणियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनीं रिंकी, अब ओलंपिक के लिए कर रही हैं तैयारी

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Published By Bhawna
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कामयाब खिलाड़ी के साथ पत्नी व मां की निभा रहीं जिम्मेदारी, विवि और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जीते पदक

मुरादाबाद , अमृत विचार। समाज में दहेज के लिए बेटियों को प्रताड़ित किया जाता है। लेकिन, ऐसे भी परिवार हैं जो बहू को बेटी मानकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। महानगर की रिंकी सैनी ने शादी के बाद पति और सास के प्रोत्साहन से अपने खेल को निखारा है।  भारोत्तोलन खिलाड़ी रिंकी सैनी विश्वविद्यालय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पदक जीतकर घरेलू महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं। रिंकी एक कामयाब खिलाड़ी के साथ अच्छी पत्नी और एक जिम्मेदार मां हैं। वह अपनी कामयाबी का श्रेय सास और पति को देती हैं। 

लाइनपार गायत्री नगर निवासी भूप सिंह की दो बेटी रिंकी, कंचन और एक बेटा अमन है। रिंकी का बचपन से ही खेलों के प्रति रुझान था। उन्होंने अपनी पढ़ाई बलदेव आर्य कन्या इंटर कॉलेज से पूरी की है। कक्षा 10 में उन्होंने भारोत्तोलन खेलना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने बीए में रामपुर मिलक स्थित महादेव रामेश्वर डिग्री कॉलेज में प्रवेश लिया। जहां उन्होंने भारोत्तोलन को ही अपना जीवन बनाने का मन बनाया। उन्होंने कोच सर्वेश सिंह की देखरेख में अभ्यास करना शुरू किया। इसी दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर गोल्ड जीता। लेकिन, इसके बाद पिता ने रिंकी की शादी 1 मई 2019 में सूर्यनगर निवासी सनी सिंह के साथ कर दी। जिसके बाद वह खेल से दूर हो गई। लेकिन, मन में कहीं न कहीं उनके खेलने की इच्छा दबी रही गई।

शादी के एक साल बाद उन्होंने बेटी तानिया को जन्म दिया। जिसके बाद मां की जिम्मेदारी ने रिंकी के अंदर के खिलाड़ी को दबाने के लिए मजबूर कर दिया। अब सिर्फ रिंकी की जिंदगी बेटी और पति तक सीमित होकर रह गई। लेकिन, पति सनी बिना रिंकी के कुछ कहे उन्हें दोबारा खेलने के लिए कोच सर्वेश सिंह के यहां ले गए। साथ ही सास उमा ने रिंकी को दोबारा खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। जिसके बाद रिंकी ने दोबारा खेलने शुरू किया। बेटी की पूरी जिम्मेदारी सास उमा और पति सनी ने उठाई। जिसके बाद रिंकी ने आगरा में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कांस्य और नेशनल स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया।

पति और सास ही मेरा आदर्श
रिंकी सैनी का कहना है कि आज के दौर में जहां बेटियों को शादी के बाद दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। लेकिन, पति सनी और सास उमा मेरे लिए आदर्श हैं। इन दोनों की मेहनत और त्याग का परिणाम है कि आज मैं अपने खेल को जारी रख पाई हूं। मैं ओलंपिक में पदक जीतकर अपने पति और सास का मान बढ़ाना चाहती हूं। रिंकी कहती हैं कि लोगों को अपनी बहुओं  की इच्छा को जानना चाहिए और वह जिस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती है उसे प्रोत्साहित करें। बहुएं भी बेटों से कम नहीं है। बस जरूरत हैं उन्हें सपोर्ट करने की। हर परिवार अपनी बहू को अपनी बेटी माने। जिससे आपकी बहू बेटी बनकर आपका और देश का मान बढ़ा सके।

नवरात्र में श्री हनुमान मंदिर में रहती हैं भक्तों की भीड़
मुरादाबाद। रेलवे हरथला कॉलोनी स्थित मनोकामना श्री हनुमान मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। मान्यता है कि यहां बरगद के वृक्ष पर डोरी बांधने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्रों में मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है। यहां प्रतिदिन काफी संख्या में भक्त पूजा अर्चना के लिए आते हैं।  मंदिर में पंचमुखी हनुमान जी के अलावा दुर्गा, ब्रह्म देवता, शनिदेव, दल पिंडी और तेल पिंडी, काली माता, राम दरबार, विष्णु, बृहस्पति, भैरों बाबा, तुलसी माता, सरस्वती, संतोषी माता और साईं की प्रतिमाएं स्थापित हैं।

मंदिर के बाहरी हिस्से में महलों की तरह नक्काशी की गई है। मंदिर में हनुमानजी की प्राचीन मूर्ति है। यहां 100 साल पुराना बरगद व पीपल का पेड़ है। इन पेड़ों के नीचे मठ था, जिसमें लोग पूजा-अर्चना करने आते थे। इसका जीर्णोद्धार 1994 में हुआ। पुजारी हरिदत्त शास्त्री ने बताया कि नवरात्र में मां दुर्गेश्वरी की विशेष अर्चना की जाती है। सुबह हवन और शाम को महिला भजन मंडली द्वारा कीर्तन होता है। माता का विशेष शृंगार और सुबह शाम आरती के बाद प्रसाद वितरित किया जाता है। नवमी को कन्या पूजन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

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