कानपुर में अखिलेश यादव बोले- पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक को साथ लेकर जीतेंगे लोकसभा चुनाव, ये भी कहा

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव विपक्ष पर गरजे।

कानपुर में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव विपक्ष पर गरजे। उन्होंने कहा कि पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक को साथ लेकर लोकसभा चुनाव जीतेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी को लोकसभा की 80 सीटे हराने की रणनीति बनाएंगें।

कानपुर, अमृत विचार। पूर्व रक्षामंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव की पुण्य तिथि पर श्याम नगर में आयोजित स्मृति महोत्सव पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिरकत की। लोकसभा चुनाव में जीत का दम भरते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) के सहयोग बीजेपी को सपा करारी शिकस्त देगी।

कांग्रेस और सपा के गठबंधन पर अखिलेश बोले कि ये बात कांग्रेस को बतानी होगी। अगर देश स्तर पर गठबंधन है तो देश स्तर पर। अगर प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं तो भविष्य में प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं होगा। 

श्याम नगर स्थित होटल मनोज इंटरनेशनल पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए बताया कि 2024 के चुनाव में समाजवादी पार्टी पूरे जिम्मेदारी से चुनाव लड़ेगी। अखबारों में गठबंधन को लेकर क्या छप रहा है, इससे समाजवादियों को कोई फर्क नहीं पड़ता है।

सपा पूरी जिम्मेदारी से चुनाव लड़ेगी और बीजेपी को 80 में से 80 सीटें हराने की रणनीति बनाएगी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्मृति महोत्सव के आयोजन से नेता जी के साथ बिताएं पलों की यादें ताजा कर दी है। कुछ बाते ऐसी होती है जो किसी एक व्यक्ति के लिए ही होती है, ऐसा एक नारा है जो सिर्फ नेता जी के लिए है। जिसने कभी न झुकना सीखा उसका नाम मुलायम है...।

कार्यकर्ताओं को संबोधन के दौरान अखिलेश ने बताया कि उन्होंने नेता जी के एक खास साथी से उनपर गाना बनाने को कहा था, जिसमें पहली लाइन उन्होंने लिखी थी मन से मुलायम। नेता जी मन से मुलायम थे, लेकिन इरादे बहुत मजबूत थे। इस दौरान मुलायम सिंह अमर रहे की नारों से पंडाल गूंज उठा। कार्यकर्ताओं को शांत कराते हुए उन्होंने कहा नेता जी ने हमे लाल टोपी, साइकिल व झंडा विरासत में दिया है।

हमारा दायित्व बनता है कि इसे आने वाले 100 सालों तक बनाएं रखे और आगे बढ़ाने का काम करें। शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव की ओर मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि हमें याद है कि सदन में शरद यादव व नेता जी ने एक साथ कई मुद्दे उठाए। सदन में चाहे जितने सांसद हो, लेकिन शरद यादव, मुलायम सिंह व लालू यादव ने जब किसी मुद्दे पर एक साथ सरकार के खिलाफ आवाज उठाई तो उनकों स्वीकार करना पड़ा।

शरद यादव व नेता जी ने राजनीति में कई उतार चढ़ाव देखे। दोनों के बीच दूरियां भी हुई, लेकिन कभी मुद्दों को लेकर दूरियां नहीं हुई। जातीय जनगणना के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो दल इस मुद्दे से दूरी बनाते थे, वो आज इस पर बात कर रहे है। जिन दलों ने 40-45 साल हमारे अधिकारों से हमे दूर रखा वो आज हमारे साथ खड़े हो रहे है। लेकिन लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।

इस लड़ाई को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हमारी है। अगर हम किसी अपने बीच के साथी के सुख-दुख में खड़े हो जाए तो हम पर जातिवाद का आरोप लग जाता है। अगर सत्ता में बैठे लोग जातिवाद करे तो उन पर कोई आरोप नहीं लगता।

देवरिया कांड की बात कहते हुए अखिलेश ने कहा कि कांड में किस तरह से कहानी फैलाई गई। ये वे लोग है जो बचपन से ही लोगों में नफरत फैलाने का काम करते है।  हमारे पूर्वजों ने हमे बांसुरी व मोरपंख लोगों के जीवन में खुशियां और रंग भरने के लिए दिया है।

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