समलैंगिक विवाह को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी मान्यता, संघ ने फैसले का किया स्वागत
लखनऊ, अमृत विचार। सु्प्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से इंकार कर दिया है, लेकिन सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में जो निर्णय दिया है। उससे समलैंगिक जोड़ों के साथ भेदभाव नहीं होगा। सु्प्रीम कोर्ट के समलैंगिक विवाह को मान्यता न देने के फैसले को लेकर संघ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। संघ और राष्ट्र सेविका समिति ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है।
राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका वी. शांता कुमारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत के लाखों नागरिकों की भावनाओं तथा हजारों वर्षों के भारतीय संस्कृति के मूल चिंतन को महत्व देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी। इसलिए राष्ट्र सेविका समिति की ओर से मैं सर्वोच्च न्यायालय का अभिनंदन देती हूँ । भविष्य में भी भारतीय जीवन मूल्यों के संरक्षण के लिए समय-समय पर सर्वोच्च न्यायालय इसी प्रकार के निर्णय लेगी ऐसी अपेक्षा करती हूं।