कासगंज: आवास आवंटन सूची से गायब कर दिया पात्र का नाम, न्यायालय सख्त
कासगंज, अमृत विचार। वर्ष 2017 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किया। पात्रता सूची में नाम दर्ज कराया, लेकिन ग्राम प्रधान और खंड विकास अधिकारी की मनमानी से उसका नाम सूची से काट दिया गया। इस पर पात्र ने न्यायालय का सहारा लिया। अब स्थाई लोक अदालत ने दोनों पक्षों के जानने के बाद पात्र के पक्ष में आदेश जारी किया है। 30 दिन में आवास सूची में नाम दर्ज करने के आदेश देते हुए लापरवाही पर तत्कालीन बीडीओ और ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी पर 15-15 हजार का जुर्माना लगाय है।
मामला कासगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत वाहिदपुर माफी का है। यहां कैलाश एवं खेलन देवी ने वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया। खेलनदेवी का नाम सूची से छूट गया था जो वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर सम्मलित था। वर्ष 2018 में सूची में तीसरे नंबर पर नाम आया फिर भी खेलन देवी को आवास आवंटन नहीं किया गया। जबकि लिस्ट में 16 नंबर पर जिस पात्र का नाम था उसे आवास दे दिया गया तीसरे नंबर के पात्र को आवास न देना मनमानी रहा। वह दर-दर भटकती रही, लेकिन उसकी कोई सुनवाई हुई। हार थककर पात्र ने स्थाई लोक अदालत का सहारा लिया। अब स्थाई लोक अदालत ने उसे न्याय दे दिया है।
बीडीओ और ग्राम प्रधान को न्यायालय ने नोटिस जारी किए, लेकिन संतोषजनक जवाब न्यायालय को नहीं मिला। इस पर न्यायालय ने सख्ती दिखाई है और खेलन देवी को आवास के लिए पात्र माना है। स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद, सदस्य बसंत शर्मा एवं डा. सपना अग्रवाल की पूर्णपीठ ने निर्णय सुनाया है। अपने आदेश में खेलन देवी के नाम पात्रता के आधार पर आवास की सूची में 30 दिन के अंदर अंकित करें और शासन को अनुमोदन के पश्चात विधि अनुसार आवास आवंट करें। अन्यथा वादी को अधिकार होगा वह विधि की प्रक्रिया से यह प्राप्त कर ले। वहीं न्यायालय ने पीड़ित को आर्थिक, शालीन और मानसिक कष्ट भी माना है। ऐसे में तत्कालीन खंड विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एवं ग्राम प्रधान पर 15-15 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है।
पात्र का नाम पहले सूची में था। तब भी उसे आवास आवंटित नहीं किया गया। जिम्मेदारों की लापरवाही हुई। पात्र ने न्यायालय का सहारा लिया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुना। उसके बाद पात्र के पक्ष में यह फैसला सुनाया है। - बसंत शर्मा, सदस्य स्थाई लोक अदालत
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