भारत के साथ अपने मजबूत आर्थिक, सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करना चाहता है आयरलैंड

भारत के साथ अपने मजबूत आर्थिक, सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करना चाहता है आयरलैंड

डबलिन। आयरलैंड की सरकार इस हफ्ते नए सिरे से शुरू की गई एशिया प्रशांत रणनीति के तहत भारत के साथ अपने मजबूत आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करना चाहती है। उपप्रधानमंत्री माइकल मार्टिन ने यह बात कही। संबंधित एशिया प्रशांत रणनीति में 2025 तक इस क्षेत्र के साथ 100 अरब यूरो के व्यापार का लक्ष्य था, जिसे समय से दो साल पहले ही पार कर लिया गया है। डबलिन में मंगलवार को संवाददाताओं से मुखातिब मार्टिन ने कहा, “(भारत के साथ) हमारे न सिर्फ मजबूत आर्थिक रिश्ते, बल्कि गहरे सांस्कृतिक संबंध भी हैं। 

हम इन्हें और गहरा करना चाहते हैं। हम एशिया प्रशांत क्षेत्र में व्यापार का विस्तार करने की महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए अपनी नयी एशिया प्रशांत रणनीति शुरू कर रहे हैं, जो भविष्य में दुनियाभर में आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।” मार्टिन के पास उपप्रधानमंत्री पद के अलावा आयरलैंड के विदेश मामलों और रक्षा मंत्रालय का भी प्रभार है। उन्होंने गठबंधन सरकार के फॉर्मूले के तहत पिछले साल के अंत में देश के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री लियो वराडकर के साथ भूमिकाओं की अदला-बदली की थी।

 विदेश मंत्री के रूप में अपनी भूमिका में मार्टिन ने वैश्विक आयरलैंड रणनीति को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया है और इस सप्ताह उस दायरे में एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए देश की प्रतिबद्धता को नवीनीकृत किया है। भारत इस नवीनीकृत एशिया प्रशांत रणनीति का एक प्रमुख हिस्सा है, जो क्षेत्र में आयरलैंड की मौजूदगी का विस्तार करने के प्रयासों के तहत मुंबई में एक नए महावाणिज्य दूतावास का निर्माण कर रहा है। कनाडाई राजनयिकों की भारत से वापसी पर अमेरिका और ब्रिटेन का रुख कनाडा के पक्ष में होने से जुड़े एक सवाल के जवाब में मार्टिन ने कहा कि दोनों देशों को अंततः इस मुद्दे में शामिल होने और चीजों को सुलझाने की संभावनाएं तलाशनी चाहिए। 

कनाडा ने पिछले हफ्ते कहा था कि उसने कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की जून में हुई हत्या में भारतीय एजेंट के शामिल होने के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद द्विपक्षीय संबंधों में बढ़े तनाव के बीच कनाडाई राजनयिकों का दर्जा रद्द करने की भारत की कथित धमकी के मद्देनजर 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है। अमेरिका और ब्रिटेन ने कनाडा का पक्ष लेते हुए कहा था कि इस कदम से राजनयिक संबंधों से जुड़ी वियना संधि के प्रभावी कार्यान्वयन पर असर पड़ा है। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की संलिप्तता के आरोपों को दृढ़ता से खारिज किया है। 

इसने कनाडाई राजनयिकों के देश छोड़ने से वियना संधि का किसी भी तरह से उल्लंघन होने से भी इनकार किया है। मार्टिन ने कहा, “आयरलैंड दो प्रमुख देशों (भारत और कनाडा) के बीच हस्तक्षेप या मध्यस्थता नहीं करेगा। वे दोनों ही आयरलैंड के मित्र हैं। लेकिन हमारा मानना है कि भारत और कनाडा अंततः इसे हल करने में सफल होंगे। मुझे लगता है कि ऐसा करना दोनों के हित में है।” उन्होंने कहा, “यह एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। लेकिन मुझे कोई संदेह नहीं है कि समय के साथ इसमें नया विकास होगा और तनाव में कमी आएगी। हम यह कहना चाहेंगे कि सभी देशों के पास इसमें शामिल होने और सुलझाने की दिशा में काम करने की संभावना है।”

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