Banaras International Music Festival : शास्त्रीय के साथ एक मंच पर नजर आया विश्व संगीत
वाराणसी, अमृत विचार। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के केएन उड़प्पा सभागार में विश्व संगीत और भारतीय शास्त्रीय संगीत एक मंच पर नजर आए। पण्डित रविशंकर की यह परिकल्पना साकार होती नजर आयी जब मंच पर अंतर्मन को झंकृत करने वाली सितार की धुनों के साथ विदेशी सैक्सोफोन पर बनारस की कजरी सुनाई दी। वहीं स्विट्जरलैंड के स्विस कलाकारों द्वारा प्रस्तुत कैरोल गीत ने तो सबको भाव विभोर कर दिया। अवसर था पण्डित शिवनाथ मिश्रा म्यूजिक फाउंडेशन के द्वारा आयोजित प्रथम बनारस इंटरनेशनल म्यूजिक फेस्टिवल का। फेस्टिवल में भारत के अलावा जर्मनी, स्विट्जरलैंड एवं अन्य देशों के कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी।
महोत्सव की सबसे खास प्रस्तुति ट्रियो बनारस की रही जिसमे वाराणसी के ख्यातिलब्ध सितारविद पण्डित देवब्रत मिश्रा के साथ जर्मनी के सैक्सोफोन वादक रोजर हेंसल एवं तबलावादक पण्डित प्रशांत मिश्रा की त्रिगुणबन्दी रही। उन्होंने सबसे पहले राग विलासखानी तोड़ी, झप ताल में चार्लीज की प्रस्तुति दी, उसके बाद 16 मात्रा की ताल में सवारी सफारी, राग भैरवी में 9 मात्रा की ताल में एक्ट्रीम बियोसे की मनमोहक प्रस्तुतियां दी। इस मौके पर सैक्सोफोन पर रोजर हेंसल एवं सितार पर पण्डित देवब्रत मिश्रा ने बनारसी कजरी 'कचौरी गली सून कईला ए रामा' की धुन सुनाई तो समूचा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके अलावा उन्होंने टिकट टू बॉलीवुड के जरिये भी श्रोताओं पर अमिट छाप छोड़ी।
अतिथियों ने किया फेस्टिवल का शुभारंभ
प्रथम बनारस इंटरनेशनल म्यूजिक फेस्टिवल का शुभारंभ मुख्य अतिथि पद्मभूषण पण्डित प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी एवं अन्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण विश्व को एकसूत्र में बांधने की शक्ति यदि किसी मे है तो वह संगीत में ही है। संगीत जोड़ने का कार्य करती है।
अध्यक्षता करते हुए पद्मश्री पण्डित शिवनाथ मिश्रा ने कहा कि संगीत भाषा की सीमाओं को तोड़ती है, हमे भले ही एक दूसरे की भाषा नही समझ आये लेकिन संगीत जरूर समझ आता है। विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य ने कहा कि संगीत शुभता का प्रतीक है। पद्मश्री प्रो. ऋतिक सान्याल ने कहा कि यह हमारा परम सौभाग्य है कि हमे संगीत की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की पूर्व निदेशिका आर्यमा सान्याल ने कहा कि संगीत ही शांति और स्नेह का सबसे उम्दा माध्यम है। अभिनेता संजय मिश्रा ने कहा कि काशी के कण कण में संगीत है, यह फनकारों की धरा है यह उत्सव ऐतिहासिक महत्व का उत्सव साबित होगा। कार्यक्रम का संचालन प्रो. ज्योति रोहिल्ला राणा, स्वागत रागिनी मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन पण्डित देवब्रत मिश्रा ने दिया।
दिग्गज कलाकारो की फ़ोटो प्रदर्शनी
फेस्टिवल में काशी के संगीत घरानों के दिग्गज कलाकारो को फ़ोटो प्रदर्शनी के जरिये याद किया गया। आयोजन स्थल पर भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, पद्म विभूषण पण्डित किशन महाराज, पण्डित रविशंकर, गिरिजा देवी, सितारा देवी, राजन साजन मिश्रा, समता प्रसाद मिश्र, गोपी कृष्णा, पण्डित शारदा सहाय, पण्डित अमरनाथ पशुपति नाथ मिश्रा, पण्डित अनोखे लाल मिश्रा आदि की तस्वीरें लगाई गई थी। जो सबके आकर्षण का केंद्र रही।
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