बिहार विधानसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित, पक्ष-विपक्ष के विधायकों में घमासान

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
On

पटना। बिहार विधानसभा में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के हंगामे के कारण सभा की कार्यवाही करीब 16 मिनट के बाद ही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी गई।

विधानसभा में पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के सदस्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने उनसे शांत रहने और प्रश्न काल चलने देने का आग्रह किया।

भाजपा सदस्यों पर सभाध्यक्ष के आग्रह का कोई असर नहीं हुआ और वे नारेबाजी करते रहे । तब सभा अध्यक्ष ने शोरगुल के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया । इसपर भाजपा के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गए। इस बीच सत्तारूढ़ दल के सदस्य भी परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री पर निशाना साधने वाले नारे लिखे पोस्टर और बैनर लेकर आसन के समक्ष आ गए। शोरगुल के बीच ही संबंधित विभागों के मंत्री सवालों के जवाब देते रहे।

उधर सभा अध्यक्ष के आदेश पर मार्शल नारेबाजी कर रहे विधायकों के हाथों से पैम्पलेट्स छीनने की कोशिश करते नजर आये । भाजपा सदस्यों का हंगामा जब ज्यादा बढ़ गया तब सभा अध्यक्ष ने सभा की कार्रवाई 2:00 दिन तक के लिए स्थगित कर दी।

बाद में पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी गुरुवार को सदन में उनके संबंध में की गई मुख्यमंत्री की टिप्पणी के विरोध में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सदस्यों के साथ सभा अध्यक्ष के कक्ष के बाहर धरना पर बैठ गए। उल्लेखनीय है कि श्री कुमार ने बुधवार को विधानसभा में आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान मांझी की टिप्पणी के बाद अपना आपा खो बैठे और गुस्से में कहा, "मांझी को कोई ज्ञान नहीं है।

वह तो मेरी मूर्खता थी की मैंने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया था लेकिन दो महीने के भीतर ही जदयू सदस्य कहने लगे थे कि श्री मांझी गड़बड़ कर रहे हैं। इसके बाद मुझे फिर से बागडोर संभालनी पड़ी। इस बार भी गड़बड़ कर रहे थे तब मैंने उन्हें महागठबंधन से बाहर निकाल दिया।" उन्होंने राजग सदस्यों पर चुटकी लेते हुए कहा था कि श्री मांझी को राज्यपाल बनने का शौक है तो अपलोग क्यों नहीं उन्हें राज्यपाल बनवा देते।

 

संबंधित समाचार