बरेली: लाल सड़न रोग से गन्ना किसानों को नुकसान, चीनी मिलों ने भी खड़े किए हाथ

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Published By Om Parkash chaubey
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खराब हो चुके गन्ना को कोल्हू पर बेचने की दी सलाह. गन्ने की अगेती किस्म 0238 में लाल सड़न रोग लगने के सर्वाधिक मामले बहेड़ी तहसील से

बरेली, अमृत विचार: कभी किसानों के लिए वरदान बनी किसानों की पंसदीता गन्ना प्रजाति 0238 अभिशाप बन चुकी हैं। जिले में काफी किसानों ने ऐसी प्रजाती का गन्ना बो रखा था, जिसमें अब लाल सड़न (रेड रॉट) रोग लग गया है। बहेड़ी समेत कुछ अन्य तहसीलों में यह रोग गन्ने की फसल में लगने से किसान काफी चिंतित है।

वह काफी नुकसान होने की आशंका जता रहे हैं। जिले में गन्ने की फसल का रकबा करीब सवा लाख हेक्टेयर है। कृषि अधिकारी और वैज्ञानिक किसानों को गन्ने की नई किस्म बोने की सलाह दे रहे हैं। जिले में गन्ने की 0238 प्रजाति की पैदावार बड़े पैमाने पर होती है। कई वर्ष से इस प्रजाति के गन्ने में लाल सड़न रोग लग रहा है। इस रोग के लगने से किसान बचाव के लिए भी उपाय कर रहे हैं। बावजूद इसके उपचार नहीं हो रहा है।

चीनी मिलों के सर्वे अनुसार जनपद में करीब डेढ़ हजार हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल बीमारी से ग्रस्त मिला है। डीसीओ यशपाल सिंह ने बताया कि जिले में सर्वाधिक क्षेत्रफल 0238 प्रजाति गन्ना का है। ये प्रजाति लाल सड़न रोग की चपेट में आने पर किसानों से अब लाल इसके स्थान पर 17261, 98014, 94184, 0118, 15023, 14201, 13235 आदि की बुवाई करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

दवाएं भी नहीं आई काम: गन्ना अधिकारी कार्यालय में मिले बहेड़ी के रुइला गांव के पूरनलाल ने बताया कि इस बार उन्होंने गन्ने की फसलों में काफी लागत लगाई। कई कीटनाशक दवाएं डाली। महंगी यूरिया का प्रयोग किया। सोचा था कि फसल अच्छी होगी तो वाजिब दाम भी मिलेंगे, लेकिन चीनी मिल वालों ने हाथ खड़े कर दिए।

इसी तरह शेरगढ़ के रामौतार ने बताया कि लाल सड़न से प्रभावित गन्ने के खेत में डाली गई दवाओं से कोई लाभ नहीं हो रहा। कोल्हू पर गन्ना बेचने से बहुत घाटा होगा। चीनी मिलों ने यह गन्ना लेने से इंकार कर दिया है। इधर, बहेड़ी स्थित केसर इंटरप्राइजेस चीनी मिल के महाप्रबंधक रवींद्र सिंह ने बताया कि उनके तहसील क्षेत्र में गन्ना की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसका सर्वे चल रहा है।

चीनी मिलें कोल्हू पर गन्ना बेचने की दे रहीं सलाह: आंवला, नवाबगंज और बहेड़ी क्षेत्र में गन्ने की फसलों में लाल सड़न रोग लगने से किसान खासे परेशान हैं। इसे गन्ने का कैंसर भी कहा जाता है। जिससे गन्ना जड़ से ऊपर तक सूख जाता है।

धीरे-धीरे यह पूरे खेत को अपनी चपेट में ले लेता है। किसानों की मानें तो बहेड़ी चीनी मिल ने तो घोषणा करानी शुरू कर दी है कि फसलों में ब्लीचिंग पाउडर दवा डालने पर भी यदि रोकथाम नहीं होती तो निकटवर्ती कोल्हू पर गन्ना बेच दें।

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