तेलंगाना: कोरोना के डर से मां को घर में घुसने नहीं दिया

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हैदराबाद। तेलंगाना के निजामाबाद में एक व्यक्ति ने कोरोना के डर से अपनी मां को घर में नहीं घुसने दिया। बुजुर्ग महिला वायरस से उबरकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुकी है। अब उसके सामने समस्या है कि जाए तो जाए कहां। 65 वर्षीय महिला पिछले दो दिनों से अपने घर के सामने खुले में जमीन …

हैदराबाद। तेलंगाना के निजामाबाद में एक व्यक्ति ने कोरोना के डर से अपनी मां को घर में नहीं घुसने दिया। बुजुर्ग महिला वायरस से उबरकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुकी है। अब उसके सामने समस्या है कि जाए तो जाए कहां। 65 वर्षीय महिला पिछले दो दिनों से अपने घर के सामने खुले में जमीन पर लेटी हुई है, क्योंकि उसका बेटा घर में ताला लगाकर अपने परिवार समेत बाहर चला गया है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि जी. बालमणि को कुछ समय पहले उनके बेटे ने एक वृद्धाश्रम भेज दिया था। हाल ही में महिला का कोविड-19 परीक्षण पॉजिटिव आया तो वृद्धाश्रम के केयरटेकर ने उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। हफ्ते भर पहले उसका परीक्षण निगेटिव आने के बाद भी उसका बेटा उसे लेने अस्पताल नहीं आया।

पता चला है कि बेटा बिजली विभाग में एक सहायक इंजीनियर के रूप में काम करता है। अस्पताल ने उसे कई फोन किए, लेकिन उसने उनका जबाव नहीं दिया तो अस्पताल के अधिकारी महिला को उसके घर के बाहर छोड़ गए। इसके बाद बेटे ने महिला को घर में आने की अनुमति नहीं दी।

वृद्धाश्रम भी कोविड महामारी के कारण बंद हो गया और ऐसे में कहीं और ठिकाना ना पाकर महिला घर के दरवाजे के सामने ही बैठ गई। इसके बाद भी बेटे ने महिला को घर में नहीं आने दिया और घर में ताला लगाकर अपनी पत्नी-बच्चों के साथ वहां से चला गया।

महिला की दुर्दशा देखकर कुछ पड़ोसियों ने उसे खाना और पानी दिया। हालांकि, लगातार बारिश और ठंड के कारण महिला के लिए इस तरह बाहर बैठना मुश्किल हो रहा है। बालमणि के बारे में पता चलने पर वरिष्ठ सिविल जज किरणमयी ने सोमवार को उनके घर का दौरा किया और उन्हें हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।

इससे पहले, मई में 80 वर्षीय महिला को उसके बेटे ने घर में नहीं आने दिया, क्योंकि महिला महाराष्ट्र से लौटी थी। वह अपने रिश्तेदारों से मिलने सोलापुर गई थी और लॉकडाउन के कारण वहीं फंस गई थी। यह घटना करीमनगर शहर में घटी थी। महिला के दोनों बेटों ने उसे रखने से मना कर दिया था। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद बड़े बेटे ने मां को रखने की हामी भरी थी।

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