कृषि विधेयकों के विरोध के बीच रबी की फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। सरकार ने आगामी मौसम के लिए रबी की छह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की आज हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। संसद से कृषि सुधारों के दो विधेयकों ‘कृषक उपज …

नई दिल्ली। सरकार ने आगामी मौसम के लिए रबी की छह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की आज हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

संसद से कृषि सुधारों के दो विधेयकों ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020′ तथा ‘कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार विधेयक 2020′ पारित होने के बाद लिये गये इस निर्णय के बारे में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने लोकसभा को इसकी जानकारी दी।

तोमर ने कहा कि रबी की बुवाई के पहले ही सरकार ने गेहूं की एमएसपी 50 रुपए बढ़ा कर 1975 रुपए प्रति क्विंटल, चना की एमएसपी 225 रुपए बढ़ा कर 5100 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर की एमएसपी 300 रुपए बढ़ा कर 5100 रुपए प्रति क्विंटल, सरसों की एमएसपी 225 रुपए बढ़ाकर 4650 रुपए प्रति क्विंटल, जौ की एमएसपी 75 रुपए बढ़ाकर 1600 रुपए प्रति क्विंटल तथा कुसुम्भ की एमएसपी 112 रुपए बढ़ा कर 5327 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है।

नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि वर्ष 2013-14 में मसूर की एमएसपी 2950 रुपए प्रति क्विंटल थी जो अब 73 प्रतिशत अधिक हो गयी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009-14 के बीच सरकार ने 1.52 लाख टन दालों की खरीद की थी जो 2014-19 के दौरान 76.85 लाख टन हो गयी जो 4962 प्रतिशत अधिक रही। मोदी सरकार ने सात लाख करोड़ रुपए एमएसपी के मद में भुगतान किये जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के शासनकाल में एमएसपी के मद में इससे आधी राशि का भुगतान किया गया था।

कृषि मंत्री ने कहा कि वह सदन में सभी सदस्याें से कहना चाहते हैं कि कृषि सुधार को लेकर दाे विधेयकों के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बार-बार कहा था कि कृषि उपज वाणिज्य समिति और एमएसपी की व्यवस्था पूर्ववत रहेगी। आज के फैसले से प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमाणित कर दिया है कि ये दोनों व्यवस्थाएं चलेंगी। किसान मंडी में एमएसपी पर फसल बेच सकता है और अगर बाहर मूल्य अधिक मिलेगा तो उसे किसी भी स्थान पर किसी भी व्यक्ति को किसी भी दाम पर बेच सकेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार इस समय रबी एवं खरीफ की 22 फसलों की एमएसपी तय करती है और दो साल पहले उसने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों के अनुरूप उत्पादन लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा लगा कर एमएसपी घोषित करना शुरू किया है।

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